केरल में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े फॉर्म भरने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से गंभीरता से विचार करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी स्तर पर SIR की प्रक्रिया को लेकर किसी प्रकार की बाधा नहीं दिखती, लेकिन राजनीतिक दलों को स्थानीय चुनावों में व्यस्तता के कारण परेशानी हो रही है। अदालत ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या इस प्रक्रिया की समय-सीमा को एक सप्ताह और बढ़ाया जा सकता है।
SIR के लिए अलग स्टाफ तैनात
चुनाव आयोग ने कोर्ट को जानकारी दी कि SIR को पूरा करने के लिए पूरी तरह से अलग स्टाफ लगाया गया है और चुनावी कार्यों से जुड़े कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। आयोग के मुताबिक, करीब 25 हजार कर्मचारी सिर्फ SIR के काम में लगे हैं।
आयोग ने यह भी बताया कि पहले गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर थी, जिसे पहले ही एक बार बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दिया गया है।
राजनीतिक दलों से मांगा गया आवेदन
सुप्रीम कोर्ट ने केरल की राजनीतिक पार्टियों को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे से संबंधित अपना आवेदन बुधवार तक चुनाव आयोग को सौंपें। कोर्ट ने आयोग से कहा है कि इन आवेदनों पर दो दिनों के भीतर निर्णय लिया जाए।
दो चरणों में होंगे निकाय चुनाव
केरल में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं। पहले चरण में 9 दिसंबर को कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, पथानमथिट्टा, अलप्पुझा, इडुक्की, कोट्टायम और एर्नाकुलम में मतदान होगा। वहीं, दूसरे चरण में 11 दिसंबर को त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर, कासरगोड और वायनाड जिलों में वोट डाले जाएंगे।


