अमेरिकी चुनावों में भारतीय मूल के नेताओं का जलवा: गजाला हाशमी और जोहरान ममदानी ने रचा इतिहास
न्यूयॉर्क/वर्जीनिया: अमेरिका में इस बार के चुनाव भारतीय मूल के नेताओं के लिए ऐतिहासिक साबित हुए हैं। एक ओर जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क जैसे विशाल और विविधता भरे शहर में जीत दर्ज कर पहली बार मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मेयर बनने का इतिहास रच दिया, वहीं दूसरी ओर गजाला हाशमी ने वर्जीनिया की राजनीति में नया अध्याय लिखते हुए राज्य की पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई लेफ्टिनेंट गवर्नर बनकर सबका ध्यान खींच लिया।

वर्जीनिया की गजाला हाशमी — शिक्षिका से ऐतिहासिक नेता तक का सफर
61 वर्षीय डेमोक्रेट गजाला हाशमी को अब तक मिले 14,65,634 वोटों (54.2%) ने उन्हें जीत की रेखा से काफी आगे पहुंचा दिया। उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन जॉन रीड को 12,32,242 वोट ही मिल सके। हाशमी का यह जीतना सिर्फ एक चुनावी नतीजा नहीं, बल्कि वर्जीनिया की सामाजिक और राजनीतिक सोच में बदलाव का प्रतीक है।
भारत में जन्मी और चार साल की उम्र में अमेरिका आईं हाशमी ने अपनी पहचान एक शिक्षिका, सामाजिक न्याय की पैरोकार और लोकतंत्र की सशक्त आवाज़ के रूप में बनाई है।
उनका एजेंडा साफ़ है — सार्वजनिक शिक्षा की मजबूती, मतदान अधिकारों की रक्षा, प्रजनन स्वतंत्रता, बंदूक हिंसा पर रोक, पर्यावरणीय सुरक्षा, किफायती आवास और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड, जिसने हाशमी की मुहिम में 1,75,000 डॉलर का निवेश किया था, ने इसे “हमारे समुदाय और लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर” बताया है। 2019 में भी हाशमी ने रिपब्लिकन गढ़ पर कब्जा जमाकर डेमोक्रेटिक बहुमत दिलाया था, जिससे वह राजनीतिक हलकों में नई उम्मीद की किरण बनीं।
न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर — जोहरान ममदानी
दूसरी ओर, न्यूयॉर्क ने इस बार एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। जोहरान ममदानी, जो युगांडा के कंपाला में जन्मे और सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क आए, अब अमेरिका के सबसे बड़े शहर के पहले मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मेयर बन गए हैं। ममदानी, प्रसिद्ध फिल्मकार मीरा नायर और प्रोफेसर महमूद ममदानी के बेटे हैं।
उनकी राजनीति की जड़ें सामाजिक समानता और आर्थिक न्याय में हैं — उनकी मुहिम का नारा था: “कामकाजी न्यूयॉर्कर्स के लिए जीवन सस्ता और बेहतर बनाना।”
रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा और पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो (जिन्हें ट्रंप का समर्थन मिला था) को पछाड़कर ममदानी ने लगभग 50% वोटों के साथ जीत दर्ज की।
युवा और मजदूर वर्ग ने उन्हें खुलकर समर्थन दिया, जो शहर की बढ़ती महंगाई और नौकरी की अस्थिरता से परेशान हैं।
नई पीढ़ी, नया दौर
जोहरान ममदानी और गजाला हाशमी — दोनों की जीत अमेरिकी राजनीति के बदलते चेहरों की निशानी है। यह जीत बताती है कि विविधता अब अमेरिका की राजनीति की पहचान बन चुकी है, और भारतीय मूल के नेता अब सिर्फ प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे, बल्कि नेतृत्व कर रहे हैं।


