श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के सतिश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय नौसेना का उच्च क्षमतावाला संचार उपग्रह सीएमएस-03 (GS87R) सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। इस उपग्रह को देश की स्वदेशी तकनीक और डिज़ाइन के ज़रिये विकसित किया गया है। इस लॉन्च में इसरो के शक्तिशाली रॉकेट एलवी-म35 का उपयोग किया गया — और इसे इसरो द्वारा अब तक का सबसे भारी सैन्य संचार उपग्रह बताया जा रहा है। सीएमएस-03 बहु-बैंड संचार उपग्रह है जो भारतीय भूमि के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापक समुद्री कवरेज प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता देश की आत्मनिर्भरता और नवाचार की भावना की मिसाल है। नौसेना के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने भी बताया कि उपग्रह के पेलोड में ऐसे ट्रांसपोंडर शामिल हैं जो आवाज़, डेटा और वीडियो कनेक्टिविटी के विभिन्न बैंड्स को सपोर्ट करेंगे, जिससे समुद्री संचालन की पारदर्शिता और सुरक्षा में वृद्धि होगी।

विशेषताएँ और लाभ:
- उच्च क्षमता वाली बैंडविड्थ — बड़े पैमाने पर और तेज़ डाटा ट्रांसफर संभव।
- जहाज़, विमानों, पनडुब्बियों और कमांड सेंटर्स के बीच सुरक्षित और निर्बाध नेटवर्किंग।
- पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में मजबूत दूरसंचार कवरेज, जो नौसैनिक निगरानी और संचालन में मददगार।
- इस सफलता के साथ ही भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है — बेहतर कम्युनिकेशन, तेज़ सूचना आदान-प्रदान और अधिक प्रभावी निगरानी।


