मथुरा के वृंदावन क्षेत्र में शुक्रवार की शाम एक प्रतिष्ठित परिवार की खुशियाँ पलभर में मातम में बदल गईं। गोरा नगर कॉलोनी में बीड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवार में हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि पिता और पुत्र, दोनों ने अपनी जान गंवा दी। गोलियों की आवाज़ से पूरा इलाका सन्न रह गया।
मामूली कहासुनी ने लिया भयावह रूप
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रसिद्ध व्यापारी सुरेश चंद्र अग्रवाल और उनके पुत्र नरेश अग्रवाल के बीच किसी निजी या व्यावसायिक मुद्दे पर बहस छिड़ गई थी। माहौल तनावपूर्ण होते-होते अचानक विकराल बन गया। बताया जा रहा है कि गुस्से में नरेश ने घर में रखी पिस्टल उठा ली। आक्रोश के उस क्षण में चली गोली ने पिता सुरेश चंद्र को सीने में आ घेरा। वह लहूलुहान होकर ज़मीन पर गिर पड़े। अगले ही पल नरेश ने खुद की कनपटी पर भी गोली दाग दी। चंद सेकंडों में घर की दीवारों पर सन्नाटा छा गया।

इलाके में मचा हड़कंप
गोली चलने की आवाज़ सुनकर आस-पड़ोस के लोग घरों से बाहर निकल आए। जब अंदर पहुंचे तो सामने का दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए। पिता-पुत्र दोनों खून से लथपथ पड़े थे। परिवारजन दोनों को तत्काल रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जुटी जांच में
घटना की जानकारी मिलते ही वृंदावन कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने घर का निरीक्षण किया और घटनास्थल से पिस्टल बरामद की। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विवाद की जड़ पारिवारिक मतभेद था या व्यावसायिक तनाव। सुरेश चंद्र अग्रवाल का परिवार “दिनेश बीड़ी” नाम से क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है, इसलिए यह घटना स्थानीय व्यापारिक जगत के लिए भी गहरा आघात है।
मातम में डूबा मथुरा का व्यापारी समुदाय
इस दोहरी मौत ने पूरे मथुरा शहर को झकझोर दिया है। प्रतिष्ठा, संपन्नता और सामाजिक पहचान रखने वाले इस परिवार में घटी त्रासदी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या गुस्सा पलभर में रिश्तों को निगल सकता है?


