नई दिल्ली / न्यूयॉर्क: दुनिया की सबसे बड़ी निवेश प्रबंधन कंपनियों में से एक ब्लैकरॉक (BlackRock) की निजी-ऋण इकाई और कई अन्य वैश्विक ऋणदाता एक हैरान कर देने वाले वित्तीय धोखाधड़ी के जाल में फंस गए हैं। भारतीय मूल के दूरसंचार कारोबारी बंकिम ब्रह्मभट्ट (Bankim Brahmbhatt) पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनियों ब्रॉडबैंड टेलीकॉम (Broadband Telecom) और ब्रिजवॉइस (BridgeVoice) के माध्यम से 500 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4,200 करोड़) से अधिक की धोखाधड़ी की।
कैसे रची गई थी यह कथित धोखाधड़ी?
वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की विशेष रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट ने अपने ऋणदाताओं — जिनमें HPS Investment Partners (ब्लैकरॉक समर्थित) और BNP Paribas जैसे बड़े नाम शामिल हैं — को फर्जी चालान, बनावटी ग्राहक खाते और कागज़ी संपार्श्विक दिखाकर गुमराह किया। दावों के अनुसार, उनकी कंपनियों ने ऐसे राजस्व स्रोतों और खातों को गिरवी रखा जो असल में मौजूद ही नहीं थे। इस झूठे वित्तीय डेटा के सहारे उन्होंने 2020 से 2024 के बीच भारी-भरकम कर्ज हासिल किया।

कैसे मिला ब्रह्मभट्ट को इतना बड़ा ऋण?
- 2020 में HPS Investment Partners ने ब्रह्मभट्ट की कंपनी को कर्ज देना शुरू किया।
- 2021 तक यह रकम 385 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
- अगस्त 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 430 मिलियन डॉलर से भी ऊपर चला गया।
- इस ऋण प्रक्रिया में BNP Paribas ने भी दो HPS क्रेडिट फंडों के माध्यम से करीब आधा फंड दिया।
दिवालियापन और मुकदमा
- अगस्त 2024 में ऋणदाताओं ने अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया।
- ब्रह्मभट्ट की दोनों कंपनियों ने Chapter 11 दिवालियापन सुरक्षा के लिए आवेदन किया।
- उसी दिन बंकिम ब्रह्मभट्ट ने व्यक्तिगत दिवालियापन (Personal Bankruptcy) भी फाइल किया।
- अब उन पर आधा बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है।
बंकिम ब्रह्मभट्ट अब कहां हैं?
जब WSJ की टीम न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित उनके दफ्तर पहुंची, तो वहां ताला बंद था और महीनों से कोई गतिविधि नहीं दिखी।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट अमेरिका छोड़कर भारत लौट चुके हो सकते हैं, हालांकि उनके वकीलों ने इन आरोपों को “निराधार” बताया है।


