मंच से दूर रहीं मारिया मचादो, बेटी ने थामा शांति पुरस्कार
ओस्लो | 2025 वेनेजुएला की विपक्षी नेता और 2025 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचादो पुरस्कार वितरण समारोह में भाग नहीं लेंगी। नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टीट्यूट ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मचादो फिलहाल नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में मौजूद नहीं हैं, इसलिए उनकी ओर से उनकी बेटी सम्मान ग्रहण करेगी। नोबेल संस्थान के निदेशक क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने राष्ट्रीय प्रसारक NRK को कहा कि यह परंपरा रही है कि यदि शांति पुरस्कार विजेता किसी कारणवश समारोह में उपस्थित न हो सके, तो उनका कोई करीबी परिजन उनका प्रतिनिधित्व करता है। इसी परंपरा का पालन करते हुए आज मचादो की बेटी मंच पर आएगी और अपनी मां की ओर से वक्तव्य पढ़ेगी।
11 महीनों से सार्वजनिक जीवन से दूर मचादो
मारिया मचादो लगभग 11 महीनों से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आई हैं। उनकी प्रवक्ता क्लाउडिया मैसेरो ने पुष्टि की कि वह वितरण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि पुरस्कार से जुड़े दिन के अन्य कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी हो सकती है। मचादो के वर्तमान ठिकाने को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
समर्थन में जुटेंगे लैटिन अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष
इस ऐतिहासिक समारोह में मचादो के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए कई शीर्ष लैटिन अमेरिकी नेता पहुंच रहे हैं। इनमें —
- अर्जेंटीना के राष्ट्रपति हावियर मिलेई
- इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ
- पनामा के राष्ट्रपति होसे राउल मुलिनो
- पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना शामिल हैं।
हिरासत के बाद भूमिगत जीवन
58 वर्षीय मचादो इस वर्ष 9 जनवरी के बाद से भूमिगत जीवन जी रही हैं। कराकास में सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के बाद उन्हें कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था। इसके बाद वे सार्वजनिक मंच से पूरी तरह दूर हो गईं।
लोकतंत्र की लड़ाई के लिए मिला सम्मान
बीते 10 अक्टूबर 2024 को नोबेल समिति ने उन्हें वेनेजुएला में लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए किए जा रहे संघर्ष के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान देने की घोषणा की थी। समिति ने उन्हें “बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाली महिला” कहकर सम्मानित किया।
चुनाव लड़ने से रोकी गईं
मचादो ने विपक्षी दल का प्राइमरी चुनाव जीतकर राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को चुनौती देने की तैयारी की थी, लेकिन सरकार ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। उनकी जगह पूर्व राजनयिक एडमुंडो गोंजालेज ने उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा।
28 जुलाई 2024 के चुनाव से पहले देश में विपक्ष पर भारी दमन हुआ —
- उम्मीदवारों की अयोग्यता
- अवैध गिरफ्तारियां
- मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं सामने आईं।
राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने मादुरो को विजेता घोषित कर दिया, जिसके बाद विपक्षी नेताओं पर दबाव और तेज हो गया। गोंजालेज को गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद स्पेन में राजनीतिक शरण लेनी पड़ी।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने वेनेजुएला की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संस्थाओं ने राष्ट्रपति मादुरो से विपक्ष की आवाज दबाने के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की है।
इतिहास में पांच बार ऐसा हुआ है
नोबेल की वेबसाइट के अनुसार, अब तक पांच शांति पुरस्कार विजेता ऐसे रहे हैं जो सम्मान मिलने के समय जेल या हिरासत में थे, जिनमें शामिल हैं —
- नरगिस मोहम्मदी (ईरान, 2023)
- अलेस बियालियात्स्की (बेलारूस, 2022)
- ल्यू शियाओबो (चीन, 2010)
- आंग सान सू ची (म्यांमार, 1991)
- कार्ल वॉन ओसिएट्ज़की (जर्मनी, 1935)
मारिया मचादो भी अब उसी ऐतिहासिक सूची में जुड़ गई हैं, जहां पुरस्कार भले मिला — लेकिन पुरस्कार विजेता खुद उसे लेने मंच पर मौजूद नहीं हो सका।


