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सर्दियों की सुस्ती भगाएगी रेट्रो वॉक, उल्टा चलकर पाएं सीधी सेहत

उल्टा चलिए, सीधी सेहत पाइए – जानिए रेट्रो वॉकिंग के फायदे

ठंड आते ही शरीर में भारीपन, जोड़ों में जकड़न और दिमाग में आलस तय-सा हो जाता है। सुबह बिस्तर छोड़ना मुश्किल लगता है और फिजिकल एक्टिविटी नाम मात्र रह जाती है। यही वजह है कि सर्दियों में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट और थायराइड जैसी समस्याएं ज्यादा परेशान करने लगती हैं। सेहतमंद रहने का सबसे आसान तरीका है – मॉर्निंग वॉक, और अगर उसमें जुड़ जाए रेट्रो वॉकिंग यानी उल्टा चलना, तो फायदे दोगुने हो जाते हैं। सिर्फ 10–15 मिनट पीछे की ओर चलने से शरीर को वही असर मिलता है जो आधे घंटे की नॉर्मल वॉक से होता है। यही नहीं, सर्दी की धूप में रेट्रो वॉक करने से विटामिन-D भी मिलता है, जिससे हड्डियां और इम्युनिटी दोनों मजबूत होती हैं।

क्या होती है रेट्रो वॉकिंग?

रेट्रो वॉकिंग यानी उस रास्ते पर पीछे की दिशा में चलना, जिस पर हम आमतौर पर आगे बढ़ते हैं। यह सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन इसके फायदे जबरदस्त हैं। इस एक्सरसाइज में शरीर को ज़्यादा बैलेंस बनाना पड़ता है और दिमाग पूरी तरह एक्टिव रहता है। इससे

  • जोड़ों की अकड़न कम होती है
  • फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है
  • बैलेंस और कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है
  • घुटनों के दर्द से राहत मिलती है

उल्टा चलने से कैसे मिलती है सीधी सेहत?

रेट्रो वॉकिंग में शरीर नई तरह से मूव करता है, जिससे मसल्स और ब्रेन के बीच तालमेल मजबूत होता है। गिरने से बचने के लिए दिमाग पूरी तरह सतर्क रहता है, जिससे मेंटल एक्टिविटी बढ़ती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके अलावा, पीछे की ओर चलते समय ज्यादा एनर्जी खर्च होती है, जिससे वजन तेजी से कम होता है। यह स्ट्रेस और एंग्जाइटी घटाने में भी मदद करती है और नींद की क्वालिटी बेहतर बनाती है।

रेट्रो वॉक करते समय रखें ये सावधानी

  • डायबिटीज मरीज नंगे पैर न चलें
  • हार्ट पेशेंट पहले वॉर्म-अप जरूर करें
  • थायराइड वालों को रोज़ ब्रिस्क वॉक भी करनी चाहिए
  • शुरुआत में धीरे चलें और कम समय से शुरुआत करें
  • चलते समय पीछे की ओर बार-बार देखना न भूलें
  • जहां भी चलें, वहां रास्ता खाली और सुरक्षित हो

फिट रहने का आसान मंत्र

सर्दियों में फिट और एनर्जेटिक बने रहने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं। बस रोज़ थोड़ी धूप, थोड़ी वॉक और थोड़ी सी समझदारी काफी है। इसके साथ योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, ताकि ठंड की हर मुश्किल से आसानी से मुकाबला किया जा सके।

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