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भारत नौसेना को मिलेगी तीसरी न्यूक्लियर सबमरीन, समुद्र में बढ़ेगी ताकत

नौसेना की बढ़ी रणनीतिक ताकत, तीन परमाणु सबमरीन होंगी एक्टिव

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को जल्द ही बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मंगलवार को बताया कि देश की तीसरी स्वदेशी परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिधमान जल्द ही नौसेना में शामिल की जाएगी। फिलहाल यह सबमरीन अंतिम ट्रायल के दौर से गुजर रही है। इसके ऑपरेशनल होते ही भारत पहली बार ऐसी स्थिति में होगा, जब समुद्र में उसकी तीन परमाणु मिसाइल लैस पनडुब्बियां सक्रिय रहेंगी। इससे भारत की सामरिक समुद्री ताकत को नई मजबूती मिलेगी। एडमिरल त्रिपाठी ने माना कि वैश्विक महाशक्तियों की तुलना में भारत का SSBN बेड़ा अभी सीमित है, लेकिन लगातार बढ़ती क्षमताएं देश की न्यूक्लियर डिटरेंस स्ट्रैटेजी को मजबूत बना रही हैं।

2029 तक नौसेना को मिलेंगे राफेल जेट

नौसेना दिवस के अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौसेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय नौसेना के लिए खरीदे गए राफेल मरीन फाइटर जेट्स का पहला बैच 2029 तक मिल सकता है, जिसमें चार विमान शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 26 राफेल विमानों का कॉन्ट्रैक्ट 25 अप्रैल को साइन किया जा चुका है। इसमें पांच साल की परफॉर्मेंस आधारित लॉजिस्टिक्स सपोर्ट व्यवस्था भी शामिल है।

प्रोजेक्ट 75-आई अंतिम चरण में

एडमिरल त्रिपाठी ने जानकारी दी कि छह आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन की खरीद से जुड़ा प्रोजेक्ट 75 इंडिया अब लगभग अंतिम दौर में है। बहुत जल्द इस पर औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नौसेना का मजबूत प्रदर्शन

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना की त्वरित और आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तान पर गहरा दबाव बनाया। एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि कैरियर बैटल ग्रुप और अग्रिम युद्ध पोतों की तैनाती के चलते पाकिस्तानी नौसेना अपने ही बंदरगाहों और मकरान तट के आसपास सिमट कर रह गई थी।

शिपबिल्डिंग से बढ़ी नौसेना की ताकत

नौसेना प्रमुख ने बताया कि पिछले नौसेना दिवस के बाद से 12 नए युद्धपोत बेड़े में शामिल किए गए हैं। अगस्त में शामिल हुई INS उदयगिरी भारत की 100वीं स्वदेशी वॉरशिप बनी, जिसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में मनाया गया। इसी अवसर पर ‘शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया।

वर्तमान में देश के सरकारी और निजी शिपयार्डों में 51 नौसैनिक प्लेटफॉर्म निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, हाल ही में 94 बड़े पूंजीगत रक्षा सौदों को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल अनुमानित लागत लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये है। इनमें 47 युद्धपोत और 120 तेज़ इंटरसेप्टर क्राफ्ट शामिल हैं। सरकार अब तक 83 रक्षा सौदों पर करीब 84,762 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट साइन कर चुकी है, जिनमें लगभग 7,000 करोड़ रुपये के 46 आपात खरीद सौदे भी शामिल हैं।

लगातार बढ़ रही समुद्री शक्ति

नए युद्धपोत, पनडुब्बियां और आधुनिक विमान भारत की नौसेना को तकनीकी रूप से कहीं अधिक सशक्त बना रहे हैं। आने वाले वर्षों में ये सभी परियोजनाएं पूरी होने के बाद भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में एक और ज्यादा मजबूत ताकत बनकर उभरेगी।

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