चार घंटे में खुलासा: एएसआई समेत पांच गिरफ्तार, जवान की हत्या का मामला

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में शादी समारोह से लौट रहे सेना के जवान विवेक सिंह (30) की सड़क पर हुई हिंसक झड़प में मौत हो गई। ओवरटेक को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद स्कॉर्पियो सवार युवकों ने लोहे की रॉड से उनके सिर पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। लखनऊ स्थित आर्मी अस्पताल में सोमवार तड़के इलाज के दौरान जवान ने दम तोड़ दिया।
धरवारा गांव निवासी विवेक सिंह दिल्ली में सेना में तैनात थे और छुट्टी लेकर शनिवार को चचेरी बहन की शादी में शामिल होने अपने घर आए थे। शादी के बाद वह अपने मित्र विनय जैन को गांव के ही करण सिंह के साथ कार से कोहड़ार बाजार तक छोड़ने गए थे। लौटते समय धरवारा मोड़ के पास बारात से लौट रही स्कॉर्पियो से उनकी कार को लेकर ओवरटेक विवाद हो गया।
विवाद कहासुनी से बढ़ गया और आरोप है कि स्कॉर्पियो सवार युवकों ने विवेक पर लोहे की रॉड से वार कर दिया। सिर में गंभीर चोट लगने से वह सड़क पर गिर पड़े और बेहोश हो गए। साथी उन्हें तुरंत करछना सीएचसी ले पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ आर्मी अस्पताल रेफर कर दिया। सोमवार सुबह लगभग तीन बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही गुस्साए ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगे। डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव और एसीपी अरुण त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और परिजनों से बात कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
पुलिस ने वाहन नंबर के आधार पर विशेष टीम और करछना थाना पुलिस के जरिए चार घंटे के भीतर पांच आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में मिर्जापुर पुलिस लाइन की रेडियो शाखा में तैनात एएसआई राजकमल पांडेय, फौजी राजीव कुमार ठाकुर (इंदौर में तैनात), स्कॉर्पियो मालिक दिनेश यादव, राजू अग्रहरि और भाई लाल यादव शामिल हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने दावा किया कि पीड़ित की कार गलत ढंग से चल रही थी और ओवरटेक के लिए रास्ता नहीं देने पर विवाद हुआ, जो हाथापाई में बदल गया। वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि विवेक पर जानबूझकर रॉड से जानलेवा हमला किया गया।
विवेक दो भाइयों में छोटे थे। उनके पिता उमाकांत सिंह सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। परिवार में पत्नी प्रतिभा और तीन वर्षीय पुत्र वेदांत हैं, जो जवान की मौत से बदहवास हैं। परिजनों के अनुसार पोस्टमार्टम लखनऊ में कराया जाएगा और इसके बाद शव गांव लाया जाएगा।


