मुरादाबाद के भोजपुर क्षेत्र में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) अभियान का लक्ष्य पूरा न हो पाने के तनाव ने एक शिक्षक की जान ले ली। बहेड़ी ब्रह्मनान गांव निवासी बीएलओ सर्वेश सिंह (42) ने शनिवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार तड़के करीब चार बजे जब पत्नी और परिजनों ने उन्हें फंदे से लटका देखा, तो घर में कोहराम मच गया।

परिजन आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगना बताया गया है। मौके से तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने काम के मानसिक दबाव और लक्ष्य पूरा न हो पाने की चिंता जाहिर की है।
सर्वेश सिंह भगतपुर टांडा ब्लॉक के जाहिदपुर सीकमपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। एसआईआर अभियान के तहत उन्हें बूथ संख्या 406 का बूथ लेवल ऑफिसर बनाया गया था। शनिवार रात वह खाने के बाद अपने कमरे में सोने चले गए थे।
पत्नी बबली, साले अरुण कुमार और भांजे मोनू उर्फ जितेंद्र देर रात तक सर्वेश के बताए गए एसआईआर आंकड़ों को फीड करते रहे। इसके बाद सभी लोग सो गए। सुबह चार बजे जब बबली की आंख खुली तो सर्वेश अपने कमरे में नहीं मिले। तलाश के दौरान कुछ दूरी स्थित पशुशाला में उनका शव फंदे से लटका हुआ मिला। रस्सी काटकर नीचे उतारने के बाद उन्हें चार निजी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां सभी जगह उन्हें मृत घोषित किया गया।
सुबह सूचना मिलने पर भोजपुर थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। जांच में मिले सुसाइड नोट के दो पृष्ठ बेसिक शिक्षा विभाग और जिला निर्वाचन अधिकारी को संबोधित थे, जिनमें एसआईआर कार्य के दबाव और तनाव का जिक्र किया गया था।
पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे परिजनों और शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं ने सड़क पर जाम लगाकर उन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर दबाव बनाया था। पुलिस ने समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है और सुसाइड नोट के आधार पर पूरे मामले की जांच की जा रही है।
वहीं जिलाधिकारी अनुज सिंह का कहना है कि सर्वेश का एसआईआर कार्य करीब 70 प्रतिशत पूरा हो चुका था, जो संतोषजनक माना जाता है। अधिकारियों की ओर से दबाव बनाए जाने के कोई ठोस प्रमाण फिलहाल सामने नहीं आए हैं। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी को आश्रित कोटे के तहत नौकरी दी जाएगी। इसके साथ ही सरकारी देय राशियां जल्द दी जाएंगी और बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था भी प्रशासन करेगा।


