कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 29 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित आयुर्वेदिक इलाज के बहाने 48 लाख रुपए का चूना लगाया गया। पीड़ित ने 22 नवंबर को ज्ञानभारती थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

छह महीने तक चलता रहा झांसा
शिकायत के अनुसार, इंजीनियर यौन स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान था। इलाज की तलाश में वह केंगेरी स्थित एक अस्पताल जा रहा था, तभी उल्लाल इलाके में सड़क किनारे लगे आयुर्वेदिक टेंट से उसका सामना एक व्यक्ति से हुआ। उसी ने उसकी मुलाकात एक तथाकथित ‘विजय गुरुजी’ से कराई, जिसने खुद को आयुर्वेद विशेषज्ञ बताया।
पीड़ित का कहना है कि गुरुजी ने उसे विश्वास दिलाया कि ‘देवराज बूटी’ नाम की दुर्लभ जड़ी-बूटी उसकी समस्या को पूरी तरह खत्म कर देगी। इसके बाद युवक को यशवंतपुर की एक आयुर्वेदिक दवा दुकान से भारी भरकम कीमत पर दवाइयाँ खरीदने को कहा गया।
दवाओं की कीमत सुनकर उड़ गए होश
विजय ने दावा किया कि यह बूटी हरिद्वार से आती है और एक ग्राम की कीमत 1.6 लाख रुपये है। युवक ने बैंक से 20 लाख का कर्ज लिया और कुल 18 ग्राम बूटी खरीद ली। इसके अलावा गुरुजी ने उसे 76 हजार रुपये प्रति ग्राम की कीमत वाला तेल और 2.6 लाख प्रति ग्राम वाली ‘देवराज रसबूटी’ भी खरीदने के लिए मजबूर किया। पैसों की व्यवस्था करने के लिए इंजीनियर को अपनी पत्नी, माता-पिता और दोस्तों से उधार लेना पड़ा। कुल मिलाकर उसने छह महीनों में 48 लाख रुपये खर्च कर दिए।
हालत बिगड़ी तो खुली पोल
इतनी महंगी दवाइयाँ लेने के बावजूद उसकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। उल्टा तबियत और खराब होने लगी। जब उसने इसका जिक्र विजय से किया, तो गुरुजी ने और दवाइयाँ लेने की धमकी भरे अंदाज़ में सलाह दी। अंततः जब युवक ने मेडिकल जांच करवाई, तो रिपोर्ट में पता चला कि इन तथाकथित जड़ी-बूटियों ने उसकी किडनी को नुकसान पहुंचाया है। डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी तबीयत बिगड़ने की वजह यही नकली दवाएं हैं।
तीन लोगों पर केस दर्ज
पीड़ित ने विजय, दवा दुकान संचालक और उसे गुरुजी से मिलवाने वाले व्यक्ति—तीनों पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दक्षिण-पश्चिम डिवीजन की DCP अनीता बी. हद्ननवर के अनुसार, घटना के बाद क्षेत्र में लगे सभी अवैध आयुर्वेदिक टेंट हटाने का आदेश दे दिया गया है। आरोपियों पर BNS की धारा 123, 316 और 318 के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनकी तलाश जारी है।


