बरेली में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान अपने कर्तव्यों में ढिलाई बरतने के आरोप में एक बीएलओ पर कार्रवाई की गई है। गुरुवार को सुपरवाइजर जयवीर सिंह की शिकायत के आधार पर सहायक अध्यापक विवेक सौरभ (बीएलओ) के खिलाफ बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। यह मुकदमा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम व भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत लिखा गया है। सुपरवाइजर के अनुसार, बिथरी चैनपुर ब्लॉक के गांव बेनीपुर सादात स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात विवेक सौरभ, जो मौलाना आज़ाद इंटर कॉलेज के बूथ-6 के बीएलओ हैं, लगातार निर्वाचन कार्यों को लेकर उदासीन बने हुए थे। कई बार चेतावनी और रिपोर्ट भेजने के बाद भी उनके कार्य में सुधार नहीं आया, जिसके चलते यह कार्रवाई हुई।

डिजिटाइजेशन में पिछड़े फरीदपुर और कैंट क्षेत्र
एसआईआर अभियान को लेकर डीएम अविनाश सिंह ने दावा किया कि गणना प्रपत्र 99.99% मतदाताओं तक पहुंचाए जा चुके हैं, वहीं कई लोगों का कहना है कि उन्हें गलत पते वाले प्रपत्र दिए जा रहे हैं। कैंट विधानसभा के सुभाषनगर निवासी हरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि बीएलओ घर-घर मिलने के स्थान पर एक ही जगह बैठकर प्रपत्र बांट रहे हैं, जिससे हजारों मतदाता भ्रमित हो रहे हैं।
डीएम के अनुसार—
- जिले में कुल 34.05 लाख मतदाता हैं।
- इनमें से 184 मतदाता अभी भी गणना प्रपत्र से वंचित हैं।
- 4.03 लाख प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है।
- 2,820 लोगों ने स्वयं वेबसाइट पर प्रपत्र भरे हैं।
- सत्यापन में 35,315 प्रपत्र अस्वीकृत पाए गए, जिनमें मृतक व स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं।
- 1128 मतदाता बीएलओ को निर्धारित स्थल पर नहीं मिले।
डिजिटाइजेशन में फरीदपुर (5.45%) और कैंट (8.22%) सबसे नीचे हैं, जबकि मीरगंज में लगभग 19% प्रपत्र डिजिटाइज हो चुके हैं। अन्य क्षेत्रों में यह प्रतिशत 11% से 15% के बीच है।
15 बीएलओ को नोटिस, एफआईआर के निर्देश
भोजीपुरा क्षेत्र में खराब प्रगति को देखते हुए एसडीएम सदर प्रमोद कुमार ने 15 बीएलओ को नोटिस जारी किए हैं। इनमें धौरेरा माफी, भगवानपुर धिमरी, गिरधारीपुर, धौराटांडा और अन्य क्षेत्रों के बीएलओ शामिल हैं। संबंधित अधिकारियों को इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
प्रशासन सख्त, लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई जारी
कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक के बाद डीएम ने स्पष्ट किया कि एसआईआर अभियान को गंभीरता से लागू किया जा रहा है। राजनीतिक दलों से बूथ-वार बीएलए नियुक्त करने को कहा गया है, और जिन बीएलओ ने 3% से भी कम प्रपत्र डिजिटाइज किए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है।


