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भारत निवेशकों को देगा स्थिर नीतिगत माहौल और मजबूत वृद्धि: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि आने वाले वर्षों में भारत स्थिर नीतिगत ढांचा, लगातार सरल होती नियामकीय प्रक्रियाएँ, सुदृढ़ आर्थिक वृद्धि और बेहद नियंत्रित मुद्रास्फीति प्रदान करता रहेगा। उन्होंने बताया कि यह माहौल वैश्विक निवेशकों के लिए अत्यंत अनुकूल है। सिंगापुर में आयोजित ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वैष्णव ने एक जिम्मेदार, स्थिर और नवाचार-आधारित डिजिटल व आर्थिक भविष्य की भारत की दृष्टि साझा की।

मंत्री ने कहा कि भारत का आर्थिक आधार मजबूत है और यह उच्च वृद्धि दर व मध्यम मुद्रास्फीति के संयोजन के साथ आगे भी स्थिर नीति वातावरण बनाए रखेगा—एक ऐसा माहौल जिसकी अपेक्षा हर निवेशक करता है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले वर्ष नई दिल्ली में होने वाले न्यू इकोनॉमी फोरम में वैश्विक निवेशक बड़ी संख्या में हिस्सा लें, इसके लिए भारत तैयार है और विश्व आर्थिक परिवर्तन में अपनी भूमिका और मजबूत करना चाहता है।

आर्थिक प्रदर्शन की बात करें तो 2025 की पहली तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 44.42 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 7.8% अधिक है। यह वृद्धि मुख्यतः सेवाओं, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र के सशक्त प्रदर्शन से संचालित हुई।
आईएमएफ ने भी भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित करते हुए इसे 6.4% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। वहीं, MoSPI के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति तेज़ी से घटकर 0.25% तक आ गई—जो मौजूदा सीपीआई श्रृंखला में सबसे कम सालाना मुद्रास्फीति है।

डिजिटल माहौल से जुड़ी चुनौतियों पर बात करते हुए वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर बेकाबू हो चुकी डीपफेक और सिंथेटिक सामग्री जैसी समस्याओं को गंभीर बताते हुए कहा कि इनसे नागरिकों और संस्थाओं के बीच विश्वास कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्लेटफ़ॉर्म्स को अपने मंच पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री के लिए जवाबदेह बनना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उससे किसी व्यक्ति, समुदाय या समाज को नुकसान न पहुँचे।

उन्होंने बताया कि भारत डिजिटल शासन में ‘टेक्नो-लीगल’ मॉडल पर काम कर रहा है। हाल ही में लागू किया गया डेटा संरक्षण कानून एक सिद्धांत-आधारित ढांचा है, जिसे नई तकनीकों के साथ तालमेल बिठाते हुए विकसित होने के लिए तैयार किया गया है, ताकि नवाचार बाधित न हो।

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