अमेरिका और सऊदी अरब के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों को एक नया रूप देते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर सऊदी अरब को मेजर नॉन-नाटो एलाय घोषित कर दिया है। ट्रंप के मुताबिक यह फैसला दोनों देशों के बीच गहरे भरोसे और रणनीतिक तालमेल की दिशा में बड़ी छलांग है।

ऐतिहासिक रक्षा समझौता, भारी हथियारों की सप्लाई तय
फोरम के दौरान दोनों देशों ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस डील में अमेरिका सऊदी अरब को नवीनतम हथियार प्रणालियाँ उपलब्ध कराएगा—जिसमें लगभग 300 अमेरिकी टैंक, उन्नत लड़ाकू विमान, और अन्य अत्याधुनिक सैन्य तकनीक शामिल हैं।
ट्रंप ने कहा, “हम दुनिया के सबसे बेहतरीन सैन्य उपकरण बनाते हैं और सऊदी अरब अब बड़ी मात्रा में इन्हें खरीद रहा है। यह साझेदारी वैश्विक स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश, 270 अरब डॉलर के व्यापारिक करार
फोरम में सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमेरिका में 1 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड निवेश की घोषणा की। इसके अलावा लगभग 270 अरब डॉलर के व्यापारिक करार भी कई कंपनियों के बीच हुए। ट्रंप ने कहा कि यह निवेश अमेरिका में विशाल रोजगार अवसर पैदा करेगा।
परमाणु ऊर्जा से AI तक व्यापक सहयोग
सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दोनों देशों ने नए समझौतों पर सहमति जताई। ट्रंप का कहना है कि इन साझेदारियों से आने वाले वर्षों में वैश्विक तकनीकी और रक्षा परिदृश्य पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
ईरान पर ट्रंप का हमला: ‘मध्य-पूर्व से काला बादल हट गया’
ईरान को लेकर ट्रंप ने दावा किया कि उनकी सरकार ने तेज़ी और सख्ती के साथ ईरान की परमाणु क्षमता को कमजोर कर दिया है। उनके अनुसार, यह खतरा मध्य-पूर्व की स्थिरता के लिए एक बड़ा संकट था, जिसे अब काफी हद तक खत्म कर दिया गया है।
सूडान संघर्ष पर अमेरिका सक्रिय भूमिका निभाएगा
सूडान में डेढ़ साल से जारी गृहयुद्ध पर भी ट्रंप ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अपील के बाद अमेरिका अब सूडान में शांति स्थापना के प्रयासों में अधिक ऊर्जा लगाएगा।
ट्रंप ने माना कि सूडान पहले उनकी प्राथमिकता में नहीं था, लेकिन विस्तृत चर्चाओं के बाद अब वे वहाँ ठोस कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
सूडान: 40 हजार मौतें और लाखों बेघर
अप्रैल 2023 से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 40,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। सूडानी सेना और RSF के बीच लड़ाई में हाल ही में एल-फशर शहर में हिंसा और सामूहिक पलायन ने मानवीय संकट को और गंभीर बना दिया है।


