आगरा के बरौली अहीर इलाके में खाद की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र की साधन सहकारी समितियों पर ताले लटके हैं और बाजार की दुकानों से भी यूरिया गायब है। दो सहकारी समितियों के साथ-साथ दर्जनों निजी दुकानों पर भी खाद उपलब्ध न होने से किसान इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

ब्लॉक मुख्यालय स्थित बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति में डीएपी खत्म होने के बाद अब यूरिया की तलाश में किसान भटक रहे हैं, लेकिन समिति बंद होने से उन्हें राहत नहीं मिल पा रही। इसी तरह बमरौली कटारा स्थित समिति में भी किसान खाली हाथ लौट रहे हैं।
गेहूं की बुवाई शुरू हो चुकी है और सरसों, आलू समेत सब्जियों की फसलों में खाद की जरूरत बढ़ गई है। छोटे किसानों को मात्र एक-दो पैकेट यूरिया की आवश्यकता होती है, मगर उन्हें न समिति पर खाद मिल रहा है, न दुकानों पर। बाजार में कुछ दुकानदार इस कमी का फायदा उठाकर 300 रुपये के पैकेट को मनमाने दामों पर बेच रहे हैं।
करभना के महेंद्र सिंह यादव के अनुसार, “समिति हो या दुकान—कहीं पर यूरिया उपलब्ध नहीं है, जिससे बुवाई पर असर पड़ रहा है।” महुआखेड़ा खेड़ा के मनोज कुमार ने बताया कि बमरौली कटारा समिति में डीएपी की तरह यूरिया की सप्लाई भी ठप है। बुढेरा निवासी राजकुमार ने कहा कि “एक पैकेट यूरिया के लिए सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहना पड़ता है, फिर भी मिलने की कोई गारंटी नहीं।”
इस पूरे मामले पर जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि जिले में यूरिया की कमी नहीं है और समितियों व दुकानों को स्टॉक उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को कहीं यूरिया नहीं मिल रहा है तो वे विभाग को सूचना दें, उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही वितरण में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।


