यूक्रेन–फ्रांस की ऐतिहासिक राफेल डील, रूस के खिलाफ बदलेगी युद्ध की तस्वीर!

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और भी तीव्र होता जा रहा है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने देशभर में बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें करीब 430 ड्रोन और 18 मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। रूस की कोशिश यह भी है कि यूरोपीय देशों से मिलने वाली मदद किसी तरह यूक्रेन तक न पहुंचे।
इसी बीच यूक्रेन की सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ी अंतरराष्ट्रीय पहल शुरू हुई है। फ्रांस और यूक्रेन के बीच राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ है, जिसकी घोषणा ज़ेलेंस्की ने की। यह डील विला कुबले सैन एयरबेस में पूरी हुई, जहां दोनों देशों के बीच भविष्य के रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी।
समझौते के तहत फ्रांस यूक्रेन को 100 राफेल फाइटर जेट उपलब्ध कराएगा। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की मौजूदगी में हुई इस डील के अनुसार 2026 से इन विमानों की आपूर्ति शुरू होगी, जबकि अगले 10 वर्षों में सभी जेट सौंप दिए जाएंगे।
राफेल के अलावा, फ्रांस यूक्रेन को 8 SAMPT एयर डिफेंस सिस्टम, आधुनिक रडार तकनीक, एयर-टू-एयर मिसाइलें और कई उन्नत सैन्य उपकरण भी देगा। यह डील यूक्रेन की रक्षा क्षमता को नए स्तर पर ले जाने वाली मानी जा रही है, क्योंकि इससे रूस के हवाई हमलों का बेहतर जवाब दिया जा सकेगा।
पुराने सोवियत विमानों की तुलना में राफेल आधुनिक एवनिक्स, उन्नत सुरक्षा, श्रेष्ठ हथियार प्रणाली और बेहतरीन हवाई युद्ध तकनीक से लैस हैं। इनके आने से यूक्रेन की हवाई ताकत में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी और रूसी Su-35 जैसे विमानों का मुकाबला करना संभव हो सकेगा।
फरवरी 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद ज़ेलेंस्की की यह फ्रांस की नौवीं आधिकारिक यात्रा है। उनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना और यूक्रेन की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना है, क्योंकि रूस लगातार ऊर्जा ढांचे और महत्वपूर्ण स्थलों पर हमले कर रहा है।
वर्तमान में युद्ध समाप्त होने के कोई स्पष्ट संकेत दिखाई नहीं देते, लेकिन मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन को मजबूत बनाना ही शांति की दिशा में पहला कदम है — यदि यूक्रेन सक्षम होगा, तो रूस हमले से पीछे हटेगा।


