लगभग दो महीने तक जेल से बाहर रहने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान और उनके बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को फिर से जेल में दाखिल किया गया है। दो पैन कार्ड रखने से जुड़े मामले में अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, जिसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा में रामपुर जेल भेज दिया गया। पहले 23 सितम्बर को सीतापुर जेल से आज़म ख़ान और 25 फरवरी को हरदोई जेल से अब्दुल्ला आज़म रिहा हुए थे, लेकिन नए फैसले के बाद पिता-पुत्र फिर सलाख़ों के पीछे पहुंच गए।

आज़म ख़ान : राजनीतिक सफर
- रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक
- उत्तर प्रदेश सरकार में 4 बार कैबिनेट मंत्री
- 2019 में रामपुर से लोकसभा सदस्य
- एक बार राज्यसभा सदस्य
- पत्नी डॉ. तज़ीन फातिमा भी विधायक व राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं
अब्दुल्ला आज़म पर उम्र विवाद
अब्दुल्ला की शैक्षिक रिकॉर्ड में जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जिससे वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी उम्र नियमानुसार पूरी नहीं होती थी। उन्होंने नामांकन में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्शाई। इसी आधार पर बसपा उम्मीदवार नवाब काज़िम अली खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई।
मामले की जड़ – दो पैन कार्ड
2019 में विधायक आकाश सक्सेना ने पिता-पुत्र पर दो पैन कार्ड रखने और नामांकन के दौरान फर्जी जानकारी देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। FIR में दावा किया गया कि एक सक्रिय पैन कार्ड के आधार पर बैंक खाता और टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि नामांकन के समय पैन कार्ड की जानकारी में बदलाव कर कूटरचना की गई।
रामपुर जेल में ठिकाना
अदालत की सजा के बाद दोनों को बैरक नंबर 1 में रखा गया है, जहाँ सीसीटीवी निगरानी की सुविधा उपलब्ध है और आमतौर पर लंबी सजा पाए कैदियों को वहीं रखा जाता है।
पहले भी सुनाई जा चुकी सजा
अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में अक्टूबर 2023 में आज़म, तज़ीन और अब्दुल्ला को 7 साल की सजा और 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि उस मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।


