रामपुर की स्थानीय अदालत ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे तथा पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड तैयार कराने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों को सात वर्ष की सज़ा सुनाते हुए 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनते ही दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

सुनवाई के समय वादकार्ता और भाजपा विधायक आकाश सक्सेना भी कोर्ट में मौजूद थे। संभावित तनाव को देखते हुए कोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए। इस दौरान भाजपा और सपा के कई समर्थक भी बाहर मौजूद रहे, जिससे माहौल गर्म रहा।
जानकारी के अनुसार, आजम खान के खिलाफ कुल 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 12 में निर्णय आया है — सात मामलों में सज़ा और पांच में बरी। दो पैन कार्ड मामले में मिली यह सात साल की कैद, पिता और पुत्र दोनों के लिए बड़ा कानूनी झटका मानी जा रही है।
मामले की पृष्ठभूमि
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम के पास दो अलग-अलग पैन कार्ड हैं। पहले पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जो शैक्षिक दस्तावेज़ों के अनुरूप है और इसी का उपयोग आयकर विवरण दाखिल करने के लिए किया गया।
वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव के नामांकन के लिए एक दूसरा पैन कार्ड प्रस्तुत किया गया, जिसमें जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 अंकित थी। शिकायत के अनुसार, यह पैन कार्ड कथित तौर पर आयु पात्रता पूरी करने और चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया गया था। इसी आधार पर पुलिस ने आज़म खान और अब्दुल्ला आजम पर IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत मामला दर्ज किया था।


