उत्तर से पूर्व तक ठंड ने बढ़ाई रफ्तार, कई राज्यों में पारा माइनस में

उत्तर भारत से लेकर पूर्वी राज्यों तक सर्दी ने रफ्तार पकड़ ली है। कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच चुका है, जबकि दिल्ली में रविवार को पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। यह पिछले तीन वर्षों में नवंबर का सबसे ठंडा दिन रहा। जम्मू, हरियाणा और ओडिशा में भी रातें और कड़वी होती जा रही हैं। पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण मैदानी इलाकों में सिहरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा और ठंड का प्रभाव और तीव्र हो सकता है।
मौसम विभाग का कहना है कि 17 नवंबर की रात से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में हल्की बढ़त दिख सकती है। हालांकि इसके बाद ठंड दोबारा बढ़ेगी। 21 नवंबर को एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना जताई गई है, जिसके कारण उत्तर भारत, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा में ठंड और तेज महसूस होने की आशंका है। विभाग ने लोगों को सुबह और शाम विशेष सावधानी बरतने तथा गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
लाहौल-स्पीति में पारा –4.7 डिग्री
हिमाचल प्रदेश में ठिठुरन और बढ़ गई है। लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान –4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। वहीं ऊना और पांवटा साहिब में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा, जबकि शिमला सहित अधिकांश इलाकों में धूप खिली रही। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। अगले एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है और तापमान में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।
कश्मीर में पारा माइनस में, श्रीनगर –1.6 डिग्री
कश्मीर में लगभग सभी जिलों में रात का तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। श्रीनगर में अधिकतम तापमान 16.8 और न्यूनतम –1.6 डिग्री सेल्सियस रहा। काजीगुंड में न्यूनतम तापमान –2.3, पहलगाम में –3.6 और गुलमर्ग में –0.5 डिग्री दर्ज किया गया। अनुमान है कि 20 नवंबर तक मौसम साफ बना रहेगा, लेकिन रात के तापमान में गिरावट जारी रहेगी। जम्मू में भी ठंड अपना असर दिखा रही है, जहां न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री रहा।
हरियाणा में हिसार सबसे ठंडा
हरियाणा के हिसार में रविवार को न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की लगातार सक्रियता के चलते नवंबर में ही शीतलहर जैसे हालात बन रहे हैं। आमतौर पर ऐसी स्थिति दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में देखने को मिलती है, लेकिन इस बार ठंड पहले ही दस्तक दे चुकी है। अधिकांश जिलों में रात का पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार 17 नवंबर के विक्षोभ के बाद तापमान में थोड़ा सुधार होगा, लेकिन फिर से गिरावट आने की संभावना है।


