दक्षिण श्रीनगर के नौगाम इलाके में बुधवार देर रात अचानक हुए एक शक्तिशाली धमाके ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। रात करीब 11:20 बजे पुलिस स्टेशन परिसर में आए इस विस्फोट से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई और थोड़ी ही देर में परिसर आग की लपटों में घिर गया।

प्रारंभिक अफवाहों में इसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि विस्फोट आतंकी घटना नहीं बल्कि आकस्मिक था। घटना उस समय हुई जब फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम, स्थानीय पुलिसकर्मी और एक तहसीलदार जब्त सामग्री की सैंपलिंग की नियमित प्रक्रिया पर काम कर रहे थे।
विस्फोट का असर
धमाके के बाद सामने आए दृश्यों में पुलिस स्टेशन की पार्किंग पूरी तरह तहस-नहस दिखाई दी। कई वाहन—जिनमें पुलिस की गाड़ियाँ भी शामिल थीं—धू-धू कर जल गए। उड़ते मलबे ने आसपास के घरों और दुकानों की खिड़कियाँ चकनाचूर कर दीं, और पड़ोसी इलाकों जैसे रावलपोरा तक झटके महसूस किए गए। इस त्रासदी में 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 29 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
क्या था धमाके का कारण?
जाँच के अनुसार विस्फोट पुलिस स्टेशन में रखे अमोनियम नाइट्रेट आधारित बड़ी मात्रा में जब्त विस्फोटक पदार्थ के कारण हुआ। यह सामग्री नवंबर की शुरुआत में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक नवगठित मॉड्यूल की जाँच के दौरान बरामद की गई थी। बताया जाता है कि यह मॉड्यूल डॉक्टर, मौलवी और अन्य पेशों से जुड़े कट्टरपंथियों की भागीदारी वाला नेटवर्क था, जिसका खुलासा तब हुआ जब नौगाम क्षेत्र में JeM के प्रचार पोस्टर मिले थे।
दिल्ली धमाके से संभावित कड़ी
इसी जांच के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कई गिरफ्तारियाँ भी हुई थीं। अधिकारियों के अनुसार, इन छापों में 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री और रसायन बरामद किए गए। इनमें से कुछ सामान का संबंध 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट से भी जोड़ा गया है, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी।


