ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि वह अमेरिका और इज़राइल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। तेहरान का कहना है कि जून में ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हुए हमलों के लिए ये दोनों देश सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि शुरुआती हमला उनके ही आदेश पर किया गया था, इसलिए अमेरिका की जिम्मेदारी तय होती है।

अराघची ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद को भेजे अपने पत्र में कहा कि वाशिंगटन और तेल अवीव ने ईरान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की है, इसलिए उनके खिलाफ उपयुक्त कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि दोनों देशों को हमलों से हुए नुकसान की भरपाई और मुआवज़ा देना चाहिए।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेरिका और इज़राइल को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी लेते हुए ईरान को हुए आर्थिक और संरचनात्मक नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए। अराघची ने कहा कि ट्रंप की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति इस बात का स्पष्ट सबूत है कि अमेरिका हमलों में शामिल था। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कार्रवाई करने की अपील की है और दावा किया है कि 13 जून के हमलों के लिए ट्रंप और अन्य अमेरिकी अधिकारी अपराधी रूप से उत्तरदायी हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन और महासचिव के कार्यालय ने इस मामले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।


