‘एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसी) गिल्ड’ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध किया है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर हाल में हुई ‘ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम’ (AMSS) की तकनीकी गड़बड़ी की स्वतंत्र जांच कराई जाए और देश के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर मौजूदा प्रणालियों के उन्नयन की स्थिति की भी समीक्षा की जाए।

पिछले शुक्रवार दिल्ली एयरपोर्ट पर AMSS में आई खराबी ने परिचालन को बुरी तरह प्रभावित किया था। इस तकनीकी समस्या के चलते 800 से अधिक उड़ानें विलंबित हुईं और 46 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। AMSS वह प्रणाली है जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल में उड़ान योजनाओं के आदान–प्रदान और प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एटीसी गिल्ड ने अपने तीन-पृष्ठीय पत्र में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के संचार, नेविगेशन और निगरानी (CNS) विभाग की कार्यप्रणाली, जिम्मेदारी तय करने की प्रणाली और उसके संपूर्ण संरचनात्मक ढांचे का तुरंत मूल्यांकन करने की मांग की है। एएआई देशभर में एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सीएनएस सेवाओं का संचालन करता है।
गिल्ड ने मंत्रालय से कहा है कि AMSS की विफलता की गंभीर जांच कराई जाए और उन अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए जिनकी अनदेखी से आम यात्रियों को असुविधा भुगतनी पड़ती है।
उधर, नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने 8 नवंबर को संबंधित विभागों को खराबी के मूल कारणों की विस्तृत जांच करने और संचालन को सुरक्षित रखने के लिए बैकअप सर्वर स्थापित करने के निर्देश दिए थे। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहाँ रोज़ाना 2,500 से अधिक हवाई परिचालन नियंत्रित किए जाते हैं।


