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पढ़ाई छोड़ गेमिंग में डूबे बेटे से परेशान मां ने फांसी लगाई

आठवीं के छात्र की गेमिंग लत ने ली मां की जान, परिवार में कोहराम

झांसी के रक्सा क्षेत्र स्थित आरएस रेजीडेंसी कॉलोनी में रहने वाली 38 वर्षीय शीला देवी ने अपने इकलौते बेटे की बढ़ती मोबाइल गेमिंग की लत से तनावग्रस्त होकर बुधवार देर रात आत्महत्या कर ली। आधी रात जब पति रविंद्र सिंह की नींद खुली तो वह पत्नी को कमरे में न पाकर दूसरे कमरे में खोजने पहुंचे, जहाँ वह गमछे के सहारे पंखे से लटकी मिलीं। तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मूलरूप से चित्रकूट के हरदौली गांव की रहने वाली शीला अपने पति रविंद्र और 13 वर्षीय बेटे के साथ झांसी में रहती थीं। रविंद्र एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में सेल्स मैनेजर हैं। परिवार के अनुसार, उनका बेटा एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में 8वीं कक्षा का छात्र है, लेकिन कुछ वर्षों से उसे मोबाइल गेम—खासकर ऑनलाइन पबजी—की गहरी आदत लग गई थी।

पिता के ऑफिस जाने के बाद बच्चा अक्सर घंटों गेम खेलता था, जिससे उसकी पढ़ाई प्रभावित होने लगी। गेम रोकने पर वह रोने लगता और किसी की बात नहीं मानता। इसी आदत को लेकर शीला बेहद परेशान रहती थीं। बताया गया कि मंगलवार देर शाम भी उन्होंने पति से बेटे पर अधिक ध्यान देने की गुज़ारिश की थी। उनका कहना था—“ध्यान नहीं दिया तो वह बिगड़ जाएगा, वही हमारा भविष्य है।”

रात करीब 11 बजे तक पति-पत्नी बात करते रहे और फिर सो गए। लेकिन दो बजे रविंद्र की आंख खुली तो पत्नी कमरे में नहीं थीं। दूसरे कमरे में पहुंचने पर उन्होंने उन्हें फंदे से लटका पाया। सीओ सदर रामवीर सिंह के अनुसार, शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बेटे की मोबाइल गेमिंग की लत से परेशान होकर शीला ने यह कदम उठाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

मां की मौत की खबर से 13 वर्षीय बेटा बार-बार रोकर अपनी मां को पुकारता रहा। चित्रकूट से पहुंचे रिश्तेदारों ने उसे संभालने की कोशिश की, लेकिन वह लगातार टूटता दिखा। पोस्टमार्टम के बाद परिवार शव लेकर चित्रकूट के लिए रवाना हो गया।

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