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भारत-बोत्सवाना संबंधों में नया अध्याय: राष्ट्रपति मुर्मू का भव्य स्वागत, कई समझौतों पर हस्ताक्षर की तैयारी

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अफ्रीका के दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मंगलवार को बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोन पहुंचीं। यह बोत्सवाना में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली राजकीय यात्रा है। सर सेरेत्से खामा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। स्वयं बोत्सवाना के राष्ट्रपति डूमा गिडियन बोको ने उनकी अगवानी की। यह यात्रा भारत और बोत्सवाना के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत बोत्सवाना से भारत तक सहयोग

राष्ट्रपति मुर्मू की इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य कालाहारी रेगिस्तान से आठ चीतों को भारत लाने के समझौते को अंतिम रूप देना है। इन चीतों को गाबोरोन से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित मोकोलोदी नेचर रिजर्व में रखा गया है। यहां एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति बोको इन चीतों को क्वारंटीन एरिया में छोड़े जाने का प्रतीकात्मक समारोह देखेंगे। यह पहल भारत के ‘प्रोजेक्ट चीता’ और दोनों देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण साझेदारी का हिस्सा है।

राजनीतिक और आर्थिक सहयोग पर जोर

तीन दिवसीय दौरे के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति बोको के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता होगी। दोनों देश कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार को बोत्सवाना की संसद को संबोधित करेंगी और वहां रह रहे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगी।

भारत-बोत्सवाना: हीरे, दवा और तकनीक के साझेदार

भारत और बोत्सवाना के बीच सहयोग मुख्य रूप से हीरे, फार्मास्युटिकल्स, तकनीक, कृषि, ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।

  • बोत्सवाना भारत को कच्चे हीरे निर्यात करता है।
  • भारत से बोत्सवाना को दवाएं, मशीनरी, लोहे-इस्पात और विद्युत उपकरण भेजे जाते हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 506 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।भारत और बोत्सवाना ने 1966 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, जो 2026 में 60 वर्ष पूरे करेंगे। बोत्सवाना दुनिया में कीमत के आधार पर सबसे बड़ा और मात्रा के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा हीरा उत्पादक देश है।

अंगोला दौरे में रक्षा और तकनीकी सहयोग पर फोकस

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने अंगोला का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जाओ लॉरेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। भारत ने अंगोला की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 200 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता (लाइन ऑफ क्रेडिट) प्रदान करने की घोषणा की। दोनों देशों ने रक्षा उपकरणों की खरीद, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष तकनीक, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल होकर राष्ट्रपति मुर्मू ने अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ भारत की साझेदारी को और मजबूत करने का संदेश दिया।

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