कानूनी चुनौतियों के बीच मातृत्व अपनाने का सुष्मिता का साहसी फैसला

बॉलीवुड की पावरफुल और प्रेरणादायक हस्तियों में शामिल सुष्मिता सेन आज (19 नवंबर) अपना 50वां जन्मदिन मना रही हैं। भारत का नाम दुनिया में रोशन करने वाली पहली मिस यूनिवर्स भले ही अब तक शादीशुदा न हों, लेकिन अपनी दो बेटियों—रेनी और अलीशा—के साथ वे एक खूबसूरत और स्वतंत्र जिंदगी जी रही हैं। अपने करियर के साथ-साथ वह अपनी पर्सनल लाइफ, खासकर गोद लेने की प्रक्रिया को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।
इकलौती उम्र में लिया बड़ा फैसला
सुष्मिता ने कई बार खुलकर स्वीकार किया है कि उनकी जिंदगी का सबसे कठिन सफर था अपनी पहली बेटी रेनी को गोद लेने का फैसला। महज 21 साल की उम्र में उन्होंने मातृत्व अपनाने की ठानी, लेकिन कानून की नजर में यह इतना आसान नहीं था। एक्ट्रेस को 21 से 24 साल की उम्र तक लगातार अदालतों के चक्कर काटने पड़े। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में रेनी उनके साथ फॉस्टर केयर में थी, लेकिन हर सुनवाई पर उन्हें इस बात का डर सताता था—अगर फैसला उनके खिलाफ गया, तो बच्ची उनसे छीन ली जाएगी।
पिता ने बदल दिया खेल
इस सफर में उनके सबसे बड़े सहारे बने उनके पिता। बातचीत के दौरान सुष्मिता ने बताया कि कोर्ट ने उनके पिता से ‘आर्थिक स्थिरता’ साबित करने को कहा था। यहां तक कि अदालत का कहना था कि वे अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सुष्मिता और रेनी के नाम करें।
इस पर उनके पिता ने बेझिझक जवाब दिया—
“मेरे पास बहुत कुछ नहीं है, लेकिन जो भी है, वह बिना किसी शर्त के मैं अपनी बेटी के नाम करता हूं।”
उनके इस कदम ने कानूनी प्रक्रिया को पूरी तरह उनके पक्ष में मोड़ दिया।
कोर्ट की चेतावनी और पिता का मजबूत जवाब
सुष्मिता ने यह भी खुलासा किया कि अदालत ने उनके पिता को चेताया था कि एक सिंगल मदर होने के कारण भविष्य में कोई उनसे शादी करने की इच्छा नहीं रखेगा। इस पर उनके पिता ने सख्त शब्दों में कहा—
“मैंने अपनी बेटी को किसी की पत्नी बनने के लिए नहीं पाला है, बल्कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए पाला है।”
दूसरी बेटी को गोद लेना हुआ आसान
रेनी को गोद लेने की मुश्किल लड़ाई के बाद जब सुष्मिता ने दूसरी बेटी अलीशा को गोद लिया, तो यह प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी सरल और तेज रही।


