मुंगेर जिले के भीमबांध क्षेत्र में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया। नक्सलवाद की छाया में दो दशकों तक लोकतंत्र की आवाज़ दबे रहने के बाद आखिरकार यहां फिर से मतदान हुआ। साल 2005 में एसपी सी. सुरेंद्र बाबू और सात पुलिसकर्मियों की नक्सलियों द्वारा हत्या के बाद यह इलाका पूरी तरह संवेदनशील घोषित कर बंद कर दिया गया था। लेकिन 20 साल बाद आज गांवों में फिर से वोट की गूंज सुनाई दी।

सुरक्षा घेरे में हुई शांतिपूर्ण वोटिंग
मुंगेर की तीन विधानसभा सीटों पर सुबह से ही मतदाताओं में उत्साह दिखा। भीमबांध इलाके में इस बार सात पोलिंग बूथ दोबारा खोले गए, जिन पर केंद्रीय सशस्त्र बलों की कड़ी निगरानी रही। मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, जिससे ग्रामीणों में राहत और उत्साह दोनों नजर आया।
“अब हमारे दरवाजे पर लौटा लोकतंत्र”
तारापुर विधानसभा के बूथ नंबर 310 पर 374 मतदाता दर्ज थे। 81 वर्षीय बुजुर्ग विशुन देव सिंह ने 20 साल बाद वोट डालने के बाद कहा, “2005 के बाद बूथ 20 किलोमीटर दूर चला गया था। इतने दूर जाना हमारे जैसे बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल था। आज फिर से गांव में मतदान हो रहा है, इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है।”
पहली बार वोट डालने वाले युवा बादल प्रताप ने कहा, “हमारे गांव में 20 साल बाद वोटिंग हो रही है। लोकतंत्र में हिस्सा लेना गर्व की बात है।”
महिला मतदाता नीला देवी ने भी राहत जताई — “पहले जंगल पार कर वोट डालने जाते थे, अब बूथ पास में है और सुरक्षा का माहौल बेहतर है।”
अधिकारियों ने जताई संतुष्टि
सेक्टर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने बताया कि मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा, “लोगों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है। हमने ग्रामीणों को भयमुक्त माहौल देने के लिए पूरा इंतजाम किया।” स्थानीय अधिकारियों ने भी बताया कि चुनाव आयोग और प्रशासन की पहल से लोगों का भरोसा लौटा है। जागरूकता अभियानों और सुरक्षा बलों की तैनाती से मतदाता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचे।
अब विकास की उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि पोलिंग बूथ की वापसी केवल वोट डालने की सुविधा नहीं, बल्कि विकास और शिक्षा की नई शुरुआत है। अब उन्हें उम्मीद है कि इलाका पहले जैसी हिंसा से मुक्त रहकर आगे बढ़ेगा।
राजनीतिक सरगर्मी भी तेज
इसी बीच राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। मतदान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने ट्वीट किया — “तवा से रोटी पलटती रहनी चाहिए, नहीं तो जल जाएगी।”
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी।
उधर, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर पत्थरबाजी की खबर से माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण रहा। उन्होंने इसे “RJD समर्थकों की करतूत” बताया।


