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हेनरी षष्ठम: वह राजा जो ताज तो पा गया, पर सुकून नहीं

6 दिसंबर 1421 की ठंडी सुबह — विंडसर कैसल की दीवारों के बीच एक शिशु ने जन्म लिया, जिसका भाग्य इंग्लैंड और फ्रांस दोनों का भाग्य बदलने वाला था। वही बच्चा था — हेनरी षष्ठम। लेकिन किसे पता था कि यह बच्चा दुनिया के दो ताज तो पहनेगा, मगर कभी असली शक्ति का स्वाद नहीं चखेगा। सिर्फ 8 महीने की उम्र में वह राजा बना — पिता हेनरी पंचम की मौत के अगले ही दिन, 1 सितंबर 1422 को। उसकी मां कैथरीन ऑफ वैलोइस फ्रांस के राजा चार्ल्स षष्ठम की बेटी थीं, इसलिए 1420 की ट्रॉयस संधि के मुताबिक हेनरी फ्रांस का भी राजा घोषित हुआ। वह इंग्लैंड का सबसे कम उम्र का शासक और दोनों देशों पर राज करने वाला इकलौता राजा बन गया।

बचपन — ताज के नीचे का अकेलापन

हेनरी का बचपन ताज के बोझ तले बीता। क्योंकि वह बच्चा था, इसलिए असल राज उसके चाचाओं के हाथ में था — जॉन, ड्यूक ऑफ बेडफोर्ड फ्रांस में लड़ाइयाँ लड़ रहे थे, जबकि हम्फ्री, ड्यूक ऑफ ग्लॉस्टर इंग्लैंड में शासन संभाले थे। फ्रांसीसी मां होने के कारण कैथरीन को बेटे से दूर रखा गया। राजनीति ने मां-बेटे के बीच दीवार खड़ी कर दी।
उसकी शिक्षा-दीक्षा रिचर्ड डी ब्यूचैम्प (अर्ल ऑफ वार्विक) ने की। डॉक्टर जॉन सोमरसेट ने उसे पढ़ाया और उसकी सेहत का ध्यान रखा। लेकिन जो बात हेनरी को सबसे ज़्यादा परिभाषित करती थी, वह थी उसकी मासूमियत — शायद राजनीति की दुनिया के लिए बहुत ज़्यादा मासूम।

पिता की विरासत, लेकिन अलग रास्ता

जब 1437 में वह 16 साल का हुआ, तो उसने शासन अपने हाथों में लिया। पर वह अपने पिता की तरह युद्धप्रिय नहीं था।
वह शांति चाहता था, प्रजा का भला चाहता था। लेकिन इतिहास अक्सर दयालु लोगों से बेरहम होता है।
सौ साल की जंग में इंग्लैंड ने जो ज़मीनें जीती थीं, वह धीरे-धीरे उसके हाथ से फिसलने लगीं।
1445 में उसकी शादी हुई मार्गरेट ऑफ एंजू से — एक खूबसूरत, महत्वाकांक्षी और दृढ़ महिला। यह विवाह फ्रांस से शांति समझौते का हिस्सा था, लेकिन इंग्लैंड के गर्व को चोट पहुँचा गया, क्योंकि बदले में मेन प्रांत फ्रांस को सौंपना पड़ा।

देश की हालत और राजा की गिरती सेहत

फ्रांस में हार, देश में असंतोष, और अमीरों की आपसी कलह — सबने मिलकर इंग्लैंड को कमजोर कर दिया।
राजा के करीबी विलियम डी ला पोल (ड्यूक ऑफ सफोक) को गद्दार कहकर मार दिया गया।
फिर 1450 में जैक केड की बगावत हुई। हेनरी की मनःस्थिति और बिगड़ती गई।

1453 में कास्टिलॉन की लड़ाई में हार ने उसकी आत्मा तोड़ दी। कहा जाता है कि इस खबर के बाद हेनरी मानसिक रूप से टूट गया — महीनों तक वह चुपचाप बैठा रहता, न बोलता, न प्रतिक्रिया देता। उसी दौरान उसके बेटे एडवर्ड का जन्म हुआ, मगर राजा अपने उत्तराधिकारी को पहचान भी नहीं पाया।

गुलाबों की जंग — और एक कमजोर राजा की त्रासदी

उसकी अनुपस्थिति में रिचर्ड, ड्यूक ऑफ यॉर्क को रीजेंट बनाया गया।
लेकिन सत्ता की भूख ने रिश्तों को दुश्मनी में बदल दिया —
यहीं से शुरू हुई “गुलाबों की जंग” (Wars of the Roses) — यॉर्क और लैंकेस्टर घरानों के बीच सत्ता की खूनी लड़ाई।
1461 में यॉर्क का बेटा एडवर्ड चतुर्थ राजा बना और हेनरी को टावर ऑफ लंदन में कैद कर दिया गया।

अंत — एक राजा का नहीं, एक आत्मा का अंत

1470 में वार्विक द किंगमेकर ने उसे दोबारा तख्त पर बैठाया, पर यह वापसी सिर्फ छह महीने चली।
अगले ही साल, ट्यूक्सबरी की लड़ाई में हेनरी का बेटा मारा गया। और फिर 21 मई 1471 की रात — टावर ऑफ लंदन में हेनरी की भी हत्या कर दी गई।
उसका शव खून से सना मिला। कहा जाता है कि यह आदेश एडवर्ड चतुर्थ ने दिया था।

विरासत — एक नेकदिल राजा का नाम

हेनरी ने सत्ता भले संभाल न पाई हो, लेकिन उसने शिक्षा और करुणा में अपनी पहचान छोड़ी। उसने Eton College, King’s College Cambridge और All Souls College Oxford जैसे संस्थान स्थापित किए — जो आज भी उसकी संवेदनशील सोच के प्रतीक हैं।
लोगों ने कहा — वह एक कमजोर राजा था, लेकिन शायद वह सिर्फ गलत समय में जन्मा एक अच्छा इंसान था।

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