हुरुन लिस्ट 2025: 2708 करोड़ रुपये दान कर शिव नादर फिर बने भारत के टॉप दानवीर
इस दौर में जहां ज़्यादातर लोग शोहरत और नाम के पीछे भागते हैं, वहीं भारत में एक ऐसा उद्योगपति हैं जिनकी पहचान उनकी संपत्ति से नहीं, बल्कि उनकी उदारता से होती है — एचसीएल (HCL) के संस्थापक शिव नादर। अरबों की दौलत के मालिक होने के बावजूद वे अपनी कमाई को समाज के कल्याण में लगाने में विश्वास रखते हैं। हर दिन औसतन 7 करोड़ रुपये से अधिक दान करने वाले शिव नादर देश के सबसे बड़े परोपकारी कहलाते हैं।

2025 में फिर बने भारत के सबसे बड़े दानवीर
हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2025 के अनुसार, 80 वर्षीय शिव नादर ने इस वर्ष 2708 करोड़ रुपये का दान किया है। इसके साथ ही वे लगातार पांच वर्षों में से चार बार देश के शीर्ष परोपकारी बने हैं। सूची में दूसरे स्थान पर मुकेश अंबानी परिवार (626 करोड़ रुपये) और तीसरे स्थान पर बजाज परिवार (446 करोड़ रुपये) रहे।
एक गैरेज से शुरू हुआ था HCL का सफर
शिव नादर की कहानी इस बात की मिसाल है कि सच्ची लगन और दृष्टिकोण से कैसे सपनों को साकार किया जा सकता है। 1976 में उन्होंने अपने पांच साथियों के साथ एक छोटे से गैरेज में HCL की नींव रखी थी। शुरुआत में कंपनी कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाती थी। आज यही HCL दुनिया के 60 से अधिक देशों में काम कर रही है और 2.23 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है।
रोशनी नादर: पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहीं
साल 2020 में शिव नादर ने HCL टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया और अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा को कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी। पिता की तरह ही रोशनी भी समाजसेवा और शिक्षा को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानती हैं।
शिक्षा, कला और संस्कृति के लिए समर्पित
शिव नादर का परोपकार केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है — यह विचार और दृष्टि से प्रेरित है। उनका शिव नादर फाउंडेशन देश में शिक्षा, कला और संस्कृति को नई ऊंचाई देने के लिए काम कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, उनका दान पिछले साल की तुलना में 26% अधिक रहा है।
शिव नादर की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की कहानी है। वे यह साबित करते हैं कि सच्चा धन वही है, जो दूसरों के जीवन में उजाला लाए।


