नहरों की सफाई सिर्फ कागजों में, किसानों ने डीएम को सौंपी शिकायत

आगरा जिले में नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग में करीब तीन करोड़ रुपये की घास छिलाई और फर्जी सफाई का खेल चल रहा है। किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी अरविंद बंगारी से इसकी शिकायत की और जांच की मांग उठाई। किसानों का कहना है कि अगर इस गड़बड़ी पर तत्काल रोक नहीं लगी, तो 50 हजार से अधिक किसानों की रबी फसलों की सिंचाई प्रभावित हो सकती है।
भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश मंत्री मोहन सिंह चाहर ने बताया कि आगरा टर्मिनल पर तीन फुट तक सिल्ट जमी हुई है, जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से आई गंदगी के कारण दुर्गंध फैला रही है। वहीं, फतेहपुर सीकरी की बड़ी नहर में सिर्फ किनारों की घास छीलकर औपचारिकता निभाई गई है।
जिला किसान सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य वीरेंद्र परिहार ने कहा कि नहरों की सफाई का काम अक्तूबर में पूरा हो जाना चाहिए था, ताकि रबी फसलों की बुआई के समय तक पानी की आपूर्ति शुरू हो सके। लेकिन, अधिशासी अभियंता ने जानबूझकर देरी कराई, जिससे किसानों को मुश्किल का सामना करना पड़े।
उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, सफाई में हुए भ्रष्टाचार के सबूत भी बह जाएंगे। इस मामले में जिलाधिकारी अरविंद बंगारी ने कहा कि नहरों की सफाई में अनियमितताओं की जांच के लिए विशेष कमेटी गठित की जा रही है। जांच में दोष सिद्ध होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


