डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला सस्पेंड — 10 साल में 100 करोड़ की काली कमाई का खुलासा”
उत्तर प्रदेश शासन ने आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के मद्देनजर डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभागीय आदेश में कहा गया है कि शुक्ला के खिलाफ दस वर्षों के सेवा-काल में असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में धनझंकियाँ और संपत्ति की जानकारी मिली है — आरोपों में कुल मिलाकर 100 करोड़ रुपये से अधिक का ज़िक्र है। निलंबन के समय वे मैनपुरी तैनात थे। एसआईटी की पड़ताल में सामने आया है कि शुक्ला ने कानपुर में अपनी तैनाती के दौरान भू-माफिया के साथ मिलीभगत कर संपत्ति जुटाई। जांच के अनुसार उनके नाम पर कानपुर में 12 प्लॉट और 11 दुकानें दर्ज हैं। कथित काली आय को वैध दिखाने के लिए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी स्थापित की गई, जिसकी निदेशक उनके परिवार से जुड़ी प्रवक्ता—प्रभा शुक्ला—बताई जा रही हैं। एसआईटी का कहना है कि इस कंपनी के माध्यम से सौ करोड़ से अधिक का कारोबार नज़र आया, जिसका उद्देश्य अवैध धन को ‘साफ’ करना था।

गृह विभाग के सचिव आईएएस जगदीश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस जांच कराने के निर्देश दिए हैं। एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शुक्ला की कमाई में भू-माफिया अखिलेश दुबे की भूमिका प्रमुख रही। जांच का दायरा कई अन्य पुलिस अफसरों तक भी फैल गया है। एसआईटी ने जांच में कुछ और नामों को भी चिन्हित किया है जिनमें डिप्टी एसपी संतोष कुमार सिंह, डिप्टी एसपी विकास पांडे, और निरीक्षकों — आशीष द्विवेदी (निलंबित), सभाजीत मिश्रा (जेल में), व अमान मिश्रा (निलंबित) — के नाम शामिल हैं। सरकारी स्तर पर अब विजिलेंस और पुलिस विभाग दोनों से संबंधित औपचारिक कार्रवाई और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहने की संभावना है। विभाग ने कहा है कि निष्पक्ष जांच के बाद आवश्यक अनुशासनात्मक और कानूनी कदम उठाए जाएंगे।


