
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन पर नाराज़गी जताई है। बुलेटिन में सदन के भीतर “वंदे मातरम” और “जय हिंद” जैसे नारों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चतुर्वेदी ने इसे अंग्रेज़ी दौर की मानसिकता करार दिया।
उन्होंने कहा कि देशभक्ति से जुड़े नारों को अनुशासनहीनता मानना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी पार्टी राज्यसभा सचिवालय और केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी कि आखिर कब से “वंदे मातरम” और “जय हिंद” जैसे शब्दों को शिष्टाचार के खिलाफ समझा जाने लगा।
प्रियंका चतुर्वेदी ने नोटिस को राष्ट्रविरोधी सोच का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये नारे स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता की पहचान रहे हैं। ऐसे में इन पर रोक लगाने जैसी सलाह देशभक्ति की भावना को चोट पहुंचाने वाली है। उन्होंने सरकार से यह नोटिस तत्काल वापस लेने की मांग की।
इसके साथ ही सांसद ने कथित वोट चोरी, चुनाव आयोग की भूमिका और राजधानी में बढ़ते प्रदूषण जैसे मुद्दों पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती हवा पर संसद में गंभीर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि स्वच्छ हवा हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
इधर, शीतकालीन सत्र की शुरुआत वाले दिन सुबह 11 बजे दिल्ली की वायु गुणवत्ता “खराब” श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 7 बजे एक्यूआई 299 दर्ज हुआ, जो रविवार शाम 4 बजे 279 था। बीते दो दिनों से राजधानी की हवा खराब श्रेणी में ही बनी हुई है, हालांकि रविवार को स्थिति “बहुत खराब” से थोड़ी बेहतर हुई थी।


