केरल उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से निष्कासित विधायक राहुल ममकूटाथिल को दुष्कर्म एवं जबरन गर्भपात के गंभीर आरोपों से जुड़े मामले में अंतरिम राहत प्रदान की है। शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति के. बाबू ने ममकूटाथिल की अग्रिम जमानत याचिका पर 15 दिसंबर को सुनवाई निर्धारित करते हुए तब तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक आरोपी विधायक को हिरासत में नहीं लिया जाएगा। ममकूटाथिल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस. राजीव ने पक्ष रखा और कोर्ट के आदेश की पुष्टि की।
इस बीच, विधायक पर एक और यौन शोषण का केस दर्ज हुआ है। बेंगलुरु की एक महिला ने उनके खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बुधवार को दूसरी एफआईआर दर्ज कराई। इससे पहले, तिरुवनंतपुरम की सत्र अदालत ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।
एफआईआर दर्ज होने के बाद से राहुल ममकूटाथिल फरार बताए जा रहे हैं। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। विधायक का दावा है कि पीड़िता के साथ संबंध आपसी सहमति से थे, लेकिन रिश्तों में तनाव आने के बाद उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि महिला शादीशुदा है और पति से अलग रह रही है। ममकूटाथिल ने जांच एजेंसियों से सहयोग करने का भरोसा दिलाया है तथा आरोप लगाया है कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है। उनके मुताबिक, उनके पास अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पुख्ता सबूत मौजूद हैं।


