
उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राज्यव्यापी अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के प्रत्येक संभाग में एक-एक निरोध (हिरासत) केंद्र स्थापित करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को निर्वासन तक वहां रखा जा सके।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 17 शहरी निकायों को अपने क्षेत्रों में संदिग्ध अवैध प्रवासियों की विस्तृत सूची तैयार करने को कहा है। ये सूचियां संबंधित संभागीय आयुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों को सौंप दी जाएंगी, जिसके बाद पहचान और सत्यापन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
सभी 18 संभागों के आयुक्तों और 18 पुलिस रेंज के आईजी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके-अपने क्षेत्रों में अवैध प्रवासियों की पहचान, दस्तावेज़ सत्यापन और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके बाद संबंधित लोगों को हिरासत केंद्रों में रखा जाएगा और नियमों के अनुसार उन्हें उनके देश वापस भेजने की कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि अवैध घुसपैठ और बिना दस्तावेज़ रह रहे विदेशियों के खिलाफ तेज़ और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। कई जिलों में अस्थायी निरोध केंद्र पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 22 नवंबर से ही जिलों के डीएम और एसपी अपनी-अपनी सीमाओं में अवैध नागरिकों की खोज और सत्यापन के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। 23 नवंबर को जारी सरकारी बयान में कहा गया कि नेपाल से सटी सीमाओं और बड़े शहरों में जांच की गति बढ़ा दी गई है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान के प्रयासों को और तेज़ कर रही हैं।


