यामी गौतम और इमरान हाशमी स्टारर बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘हक’ को आखिरकार सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है। खास बात यह है कि फिल्म में एक भी सीन पर कैंची नहीं चली, और इसे UA (13+) सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ करने की अनुमति दी गई है। यानी 13 साल से ऊपर के दर्शक इसे परिवार के साथ देख सकेंगे। फिल्म 7 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। इसके ट्रेलर और विषय ने पहले ही दर्शकों के बीच जिज्ञासा पैदा कर दी है। जंगली पिक्चर्स के बैनर तले बनी ‘हक’ का निर्देशन सुपर्ण एस वर्मा ने किया है। यह फिल्म न केवल भारत में बल्कि यूएई, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूके जैसे देशों के सेंसर बोर्ड से भी क्लीन चिट पा चुकी है। सभी जगह इसे पारिवारिक रूप से देखने योग्य बताया गया है।

फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, भारत में इसे UA 13+, यूएई में PG15, और अन्य देशों में PG रेटिंग दी गई है। यामी गौतम ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म को किसी भी देश में कोई कट नहीं झेलना पड़ा।
उन्होंने कहा, “अगर यूएई जैसे देश में, जहां सेंसर नियम कड़े होते हैं, फिल्म को बिना कट के पास किया गया है, तो भारत में भी किसी विवाद की गुंजाइश नहीं रह जाती। ‘हक’ किसी धर्म या विचारधारा पर नहीं, बल्कि समाज में बराबरी और संवाद की ज़रूरत पर बनी है।”
कहानी: अधिकारों की जंग और समानता की आवाज़
‘हक’ की कहानी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 (समान नागरिक संहिता) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 से प्रेरित है। फिल्म एक ऐसी मां की दास्तान दिखाती है जो अपने और अपने बच्चों के अधिकारों के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाती है। कहानी में धर्म, परिवार, पहचान और न्याय जैसे संवेदनशील मुद्दों को बेहद संतुलन और गहराई के साथ पेश किया गया है।


