
आगरा मेट्रो परियोजना को नई रफ्तार मिल गई है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने यमुना नदी पर बनने वाले मेट्रो पुल के निर्माण कार्य में तेजी ला दी है। पुल के पिलर खड़े करने के लिए मशीनों से गहरी खुदाई शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, करीब 10–12 महीनों में पुल बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे अगली साल दिसंबर तक पूरे मेट्रो कॉरिडोर के संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
यूपीएमआरसी के उप महाप्रबंधक पंचानन मिश्रा के मुताबिक, वाटर बॉक्स से रामबाग के बीच यमुना पर 350 मीटर लंबा और लगभग 18 मीटर ऊँचा पुल बनाया जा रहा है। इसकी चौड़ाई 10 मीटर तय की गई है। मजबूती के लिए पिलर करीब 40 मीटर गहराई तक बनाए जा रहे हैं। यह पुल स्टील गर्डर तकनीक से तैयार किया जाएगा, जो आगरा में पहली बार उपयोग हो रही है। इस तकनीक से बना पुल बेहद टिकाऊ होगा और इसकी उम्र सैकड़ों वर्षों तक रहने की उम्मीद है।
यह पुल आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर का अहम हिस्सा है। पूरे रूट की लंबाई करीब 16 किलोमीटर होगी, जिस पर कुल 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। यह कॉरिडोर दो चरणों में बनेगा। पहले चरण में आगरा कैंट से आगरा कॉलेज तक एलिवेटेड ट्रैक तैयार किया जा रहा है। इस हिस्से में हरीपर्वत और रावली क्षेत्र में भी पुल बनाए जाएंगे, जहाँ स्टील गर्डर का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरे चरण में आगरा कॉलेज से कालिंदी विहार तक यमुना पर बने पुल को जोड़ते हुए पूरे कॉरिडोर को पूरा किया जाएगा।
वहीं, आगरा के पहले मेट्रो कॉरिडोर ताज पूर्वी से सिकंदरा तक का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। लगभग 14 किलोमीटर लंबे इस रूट पर 13 स्टेशन बनाए जा चुके हैं। योजना के मुताबिक इस साल मार्च में ताज पूर्वी से आरबीएस स्टेशन तक मेट्रो सेवा शुरू की जाएगी, जिसके लिए इसी माह के अंत में ट्रायल रन कराए जाएंगे। फिलहाल ताज पूर्वी से मनकामेश्वर स्टेशन तक परिचालन हो रहा है, जबकि एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा कॉलेज, राजा की मंडी और आरबीएस कॉलेज स्टेशन बनकर तैयार हो चुके हैं। निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अब स्टेशनों पर फिनिशिंग टच दिया जा रहा है।


