राजस्व वादों के निस्तारण में सुस्ती पर मंडलायुक्त सख्त, आगरा-मथुरा-फिरोजाबाद के अफसरों से स्पष्टीकरण तलब

आगरा मंडल में राजस्व वादों के निस्तारण में सुस्ती को लेकर मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद के एसडीएम व तहसीलदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मंडलायुक्त ने चेतावनी दी कि एक माह के भीतर सुधार नहीं दिखा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व वादों के निस्तारण की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि मैनपुरी जिले ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए मंडल में पहला स्थान प्राप्त किया है और प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा। वहीं, आगरा नौवें, मथुरा पच्चीसवें और फिरोजाबाद छब्बीसवें स्थान पर रहे — जिससे मंडल का औसत प्रदर्शन प्रभावित हुआ है।
मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिए कि जनसुनवाई और राजस्व वादों के निस्तारण की गति बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष से अधिक पुराने मामलों की सूची बनाकर प्राथमिकता से उनका निपटारा किया जाए।
बैठक में यह भी पाया गया कि
- धारा 24 के मामलों में आगरा और फिरोजाबाद की स्थिति संतोषजनक नहीं रही,
- धारा 33 में अनावश्यक देरी पर नाराजगी जताई गई,
- धारा 67 के प्रकरण आगरा में लंबित मिले, जबकि
- धारा 101 के मामलों में फिरोजाबाद पिछड़ गया।
मंडलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि राजस्व कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


