मोदी बोले: भारत–रूस मैत्री बनी रहेगी ध्रुव तारे की तरह अडिग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत और रूस के गहरे संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों की दोस्ती आने वाले समय की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में एक-दूसरे को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2010 में भारत–रूस साझेदारी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा दिया गया था।
मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि बीते 25 वर्षों में उनके मार्गदर्शन और दूरदर्शिता ने द्विपक्षीय रिश्तों को लगातार नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उन्होंने पुतिन को अपना मित्र बताते हुए भारत के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए आभार भी व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा दोनों देशों की साझेदारी का प्रमुख आधार रही है। असैन्य परमाणु ऊर्जा में दशकों से चला आ रहा सहयोग भारत की स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को बल दे रहा है। साथ ही, महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में बढ़ता सहयोग वैश्विक स्तर पर सुरक्षित और विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने में सहायक होगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा, आधुनिक तकनीक और नए उद्योगों को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने जहाज निर्माण क्षेत्र में सहयोग को “मेक इन इंडिया” को सशक्त बनाने का अवसर बताते हुए कहा कि इससे रोजगार सृजन, कौशल विकास और क्षेत्रीय संपर्क को भी बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने भारत–रूस मित्रता को “ध्रुव तारे” की संज्ञा देते हुए कहा कि पिछले आठ दशकों में वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद यह रिश्ता स्थिर और मजबूत बना रहा है।
यूक्रेन संघर्ष पर भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शुरू से ही शांति का समर्थक रहा है और समस्या के स्थायी व शांतिपूर्ण समाधान के सभी प्रयासों का स्वागत करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत हर संभव सकारात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
आर्थिक सहयोग पर जोर देते हुए मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने 2030 तक के साझेदारी कार्यक्रम पर सहमति व्यक्त की है, ताकि व्यापार और निवेश को नई दिशा दी जा सके। साथ ही, भारत और रूस यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर तेजी से काम कर रहे हैं।
आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे पहलगाम हमला हो या रूस में क्रोकस सिटी हॉल पर हुआ हमला, इन घटनाओं की जड़ एक ही मानसिकता है। आतंकवाद मानवता के मूल्यों के विरुद्ध है और उससे लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता बेहद जरूरी है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और रूस संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन जैसे मंचों पर घनिष्ठ समन्वय बनाए हुए हैं और यह सहयोग आगे भी जारी रहेगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में मोदी ने खुशखबरी देते हुए घोषणा की कि जल्द ही रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का मुफ्त ई-पर्यटक वीज़ा और 30 दिन का समूह पर्यटन वीज़ा शुरू किया जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क को नई गति मिलेगी।


