भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक गतिविधियों को तेज़ी देने के लिए दोनों देशों ने रेल मार्ग से माल ढुलाई को प्रोत्साहित करने वाला नया समझौता किया है। गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री अनिल कुमार सिन्हा के बीच हुई बैठक के बाद इस पर सहमति बनी।

मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों ने पारगमन संधि के प्रोटोकॉल में बदलाव करते हुए एक ‘लेटर ऑफ एक्सचेंज’ (एलओई) का आदान-प्रदान किया। इस कदम से जोगबनी (भारत) से विराटनगर (नेपाल) के बीच थोक तथा कंटेनरीकृत माल को रेल से ले जाने की अनुमति मिल जाएगी।
यह उदारीकरण कोलकाता–जोगबनी, कोलकाता–नौतनवा (सुनौली) और विशाखापत्तनम–नौतनवा (सुनौली) जैसे प्रमुख व्यापार मार्गों पर लागू होगा। इससे न केवल भारत–नेपाल के बीच मल्टीमॉडल व्यापार कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि तीसरे देशों के साथ नेपाल का व्यापार भी सुगम बनेगा।
नया एलओई जोगबनी–विराटनगर रेल लाइन के जरिये कंटेनर और थोक माल की सीधी आवाजाही सुनिश्चित करेगा। इसके माध्यम से कोलकाता और विशाखापत्तनम बंदरगाहों से नेपाल के मोरंग जिले में स्थित सीमा शुल्क यार्ड तक कार्गो आसानी से पहुँच सकेगा। यह रेल लाइन भारत सरकार की अनुदान सहायता से तैयार की गई थी और इसका उद्घाटन 1 जून 2023 को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।


