नई दिल्ली। भारत और बहरीन ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और मज़बूती देने पर सहमति जताई है। मंगलवार को नई दिल्ली में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की सह-अध्यक्षता में पाँचवीं भारत–बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (High Joint Commission) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अलजायनी ने भाग लिया। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान यह सहमति बनी कि इंटेलिजेंस शेयरिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।

डॉ. जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और बहरीन के बीच व्यापार और निवेश में निरंतर वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने रक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और लोगों के बीच आपसी संपर्क के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। जयशंकर ने बहरीन के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा सुविधा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया और बहरीन के निवेशकों को भारत में नए अवसरों की खोज के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सितंबर में तीन भारतीय नौसैनिक जहाजों का बहरीन दौरा द्विपक्षीय मित्रता और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को नई दिशा देने वाला रहा। जयशंकर ने बहरीन की जनता और नेतृत्व द्वारा भारतीय समुदाय के प्रति दिखाई गई देखभाल और समर्थन के लिए आभार भी जताया।
बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अलजायनी ने कहा कि भारत और बहरीन के रिश्ते लगभग पाँच हज़ार साल पुराने ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं, जिनकी जड़ें व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में निहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज बहरीन के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग लगातार प्रगाढ़ हो रहा है।बैठक में डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट और इकॉनमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर चल रही वार्ताओं की प्रगति की भी सराहना की गई। दोनों पक्षों ने माना कि इन समझौतों से व्यापार और निवेश को नई ऊर्जा मिलेगी। अंत में, जयशंकर ने अगले महीने मनामा में होने वाले जीसीसी शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं और क्षेत्रीय सहयोग को और गहराने की आवश्यकता पर बल दिया।


