पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण की रकम अदा न करने पर मंटोला पुलिस ने मंगलवार को पूर्व मंत्री चौधरी बशीर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने उनसे 40 हजार रुपये जमा कराने के बाद रिहा करने के आदेश दिए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वे बकाया राशि तय तारीखों पर जमा करते रहें। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

क्या है मामला
सदर थाना क्षेत्र निवासी नगमा चौधरी की शादी मंटोला के ढोलीखार निवासी पूर्व मंत्री चौधरी बशीर से हुई थी। दंपति के बीच विवाद के चलते नगमा अपने दोनों बेटों के साथ मायके में रह रही हैं। उन्होंने 23 सितंबर 2019 को अदालत में अपने और बच्चों के भरण-पोषण के लिए याचिका दायर की थी। अदालत ने 13 फरवरी 2023 को आदेश दिया था कि चौधरी बशीर अपनी पत्नी और बच्चों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से भरण-पोषण राशि मुकदमा दायर करने की तारीख से अदा करें।
26.5 लाख की रिकवरी पर गिरफ्तारी
लंबे समय से रकम न चुकाने पर अदालत ने उनके खिलाफ 26.5 लाख रुपये की रिकवरी वारंट जारी की थी। इसी आधार पर मंगलवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।
पूर्व मंत्री की दलीलें
बशीर के वकीलों ने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री अब तक 3.60 लाख रुपये भरण-पोषण के रूप में और 2.20 लाख रुपये अंतरिम भुगतान के रूप में जमा कर चुके हैं। मंगलवार को उन्होंने अतिरिक्त 40 हजार रुपये भी जमा किए। उनका कहना था कि 27 अक्टूबर 2025 को भी अदालत में उन्होंने 40 हजार रुपये जमा किए थे। अदालत ने इन तर्कों पर विचार करते हुए फिलहाल बशीर को रिहा कर दिया, लेकिन शर्त रखी कि वे बाकी रकम नियत तारीखों पर जमा करते रहें। अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है।


