MBBS एडमिशन घोटाला: फर्जी दस्तावेज़ लगाने वाला लैब टेक्नीशियन गिरफ्तार

भदोही पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सरकारी और स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट दिलाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नकली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करने वाले गिरोह के एक सदस्य को पकड़ लिया है। इस मामले की जानकारी सोमवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने साझा की।
जांच में पता चला कि यह गिरोह कई सालों से सक्रिय था और बड़ी रकम लेकर अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर दाखिला दिलाता था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान शुभम सिंह (27) के रूप में हुई है, जो मिर्जापुर के जिगना का निवासी है और गाज़ीपुर के जमनिया स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है। पुलिस ने उसे उस समय गिरफ्तार किया जब वह एक अभ्यर्थी से तय की गई रकम लेने पहुंचा। उसके पास से 4.80 लाख रुपये नगद बरामद हुए।
भदोही के एसपी अभिमन्यु मांगलिक के अनुसार, शुभम ने दिव्यांशु वर्मा नाम के छात्र के डॉक्टर पिता से एमबीबीएस सीट दिलाने के लिए 15 लाख रुपये में सौदा तय किया था। रविवार को वह किस्त के तौर पर पांच लाख रुपये लेने आया था।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की शिकायत के बाद जांच प्रारंभ की गई थी। संदेह होने पर वर्ष 2012–13 में दाखिला लेने वाले नौ छात्रों द्वारा जमा किए गए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रमाणपत्रों की सत्यता जांची गई, जो सभी फर्जी पाए गए। इसके आधार पर जिला मजिस्ट्रेट की ओर से इन नौ छात्रों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया।
पूछताछ में एक छात्र शुभम ने बताया कि वह जमनिया स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर घनश्याम वर्मा के संपर्क में आया और उन्हीं के माध्यम से पूरा सौदा तय हुआ। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। गिरफ्तार अभियुक्त को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।


