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प्रीति यादव हत्याकांड: प्रेमी ने बस में की हत्या, शव के किए टुकड़े, 9 दिन बाद हुआ सनसनीखेज खुलासा

पैसों और दबाव से तंग प्रेमी बना हत्यारा: प्रीति यादव केस में पुलिस का बड़ा खुलासा
Preeti Murdder Case.

नोएडा–ग्रेनो एक्सप्रेसवे के सेक्टर-82 कट के पास मिली युवती की सिर-धड़ से अलग लाश के रहस्य से आखिरकार पर्दा उठ गया है। शव की पहचान बरौला निवासी 33 वर्षीय प्रीति यादव के रूप में हुई। नौ दिन की जांच के बाद पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्या में प्रीति के प्रेमी मोनू सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार मोनू मूल रूप से एटा जिले के जैथरा का निवासी है और एक बस चालक के रूप में काम करता है। दोनों शादीशुदा थे और बरौला में किराये पर अलग-अलग रहते थे। करीब दो वर्ष पहले एक जींस फैक्ट्री में दोनों की मुलाकात हुई थी। नजदीकियाँ बढ़ीं और उनका प्रेम संबंध शुरू हुआ।

रुपयों और साथ रहने के दबाव से चिढ़ा आरोपी

पूछताछ में मोनू ने खुलासा किया कि प्रीति उससे अक्सर पैसे मांगती थी और पत्नी-बच्चों को छोड़कर उसके साथ रहने का दबाव बना रही थी। इसके चलते आए दिन दोनों के बीच विवाद होता था। मोनू ने दावा किया कि प्रीति उसे धमकी देती थी कि अगर वह उसके साथ नहीं रहा तो वह उसकी बेटियों का भविष्य खराब कर देगी।

बस में गड़ासे से हत्या, फिर किए टुकड़े

5 नवंबर की शाम मोनू ने प्रीति को मिलने के बहाने बुलाया और अपनी बस में बैठाकर सेक्टर-49 से सेक्टर-105 ले गया। बस में झगड़ा बढ़ने पर उसने वहीं रखे गड़ासे से प्रीति की गर्दन पर वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद पहचान छिपाने के लिए उसने शव के अंग काट दिए।

इसी नाले में मिला था महिला का धड़ ।

धड़ नोएडा में, सिर और हाथ गाजियाबाद में फेंके

हत्याकांड के बाद मोनू ने धड़ को सेक्टर-82 कट के पास नाले में फेंक दिया। जबकि सिर, हाथ और खून से सने कपड़े एक थैले में डालकर गाजियाबाद ले गया। वहां उसने अंगों पर बस का पहिया बार-बार चढ़ाकर उन्हें क्षतिग्रस्त किया और फिर रेलवे लाइन के पास फेंक दिया।

चार बार धुली बस, फिर भी मिला हत्या का सुराग

वारदात के बाद आरोपी बस को लेकर बरौला लौटा और शक से बचने के लिए वाहन को चार बार धोया। लेकिन फॉरेंसिक टीम ने बस से मानव रक्त के निशान बरामद कर लिए। पुलिस ने बस, खून से सनी चटाई, गड़ासा और गाजियाबाद से मिले कपड़े कब्जे में लिए हैं।

सैकड़ों वाहनों की जांच के बाद खुला राज

डीसीपी यमुना प्रसाद के अनुसार पुलिस ने सुराग जुटाने के लिए नौ टीमें बनाई थीं और करीब 1100 वाहनों की जांच की। एक सफेद-नीली बस की गतिविधियाँ संदिग्ध लगीं, जिसके आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुँची। अंततः आरोपी मोनू सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर हत्या, सबूत मिटाने और अन्य गंभीर धाराओं में कार्रवाई की गई है।

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