रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विदेशी मेहमानों को विपक्ष के नेताओं से न मिलने की सलाह दी जा रही है। संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि यह देश की पुरानी लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।

उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में विदेशी प्रतिनिधिमंडल विपक्ष के नेताओं से भी मुलाकात करते थे। राहुल गांधी का कहना था कि अब हालात बदल गए हैं। “जब कोई विदेशी नेता भारत आता है या मैं विदेश यात्रा पर होता हूं, तब सरकार उनकी मुलाकात विपक्ष से नहीं होने देती। यह उनका एक सोचा-समझा रवैया बन गया है,” उन्होंने कहा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय पर असुरक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष भी भारत का प्रतिनिधित्व करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग दृष्टिकोण के साथ देश की बात रखने का अधिकार रखता है। उन्होंने जोड़ा कि सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष वैश्विक मंच पर अपनी बात रखे।
इस बीच, रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं और आज शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस यात्रा के दौरान 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, आर्थिक सहयोग, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और मानव संसाधन जैसे अहम विषयों पर चर्चा होगी। साथ ही, मौजूदा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे भी बैठक के एजेंडे में शामिल रहेंगे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच करीब 10 अंतर-सरकारी समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जबकि दोनों देशों की विभिन्न वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक संस्थाओं के बीच 15 से अधिक समझौते और सहमति पत्र (MoU) पर भी सहमति बनने की तैयारी है।


