भारत–रूस संबंधों में नई ऊर्जा, द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग पर अहम ऐलान
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई संयुक्त प्रेस वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कई अहम घोषणाएँ की गईं। दोनों नेताओं ने रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने, व्यापार बढ़ाने, ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी विस्तार और दीर्घकालिक आर्थिक रोडमैप पर चर्चा की।
भारत आगमन पर मिले गर्मजोशी भरे स्वागत को लेकर राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और भारत की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी अनौपचारिक और आधिकारिक मुलाकातें दोनों देशों के ‘विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक गठबंधन’ को और अधिक सशक्त बना रही हैं।
पुतिन ने बताया कि भारत-रूस संवाद लगातार अधिक व्यवस्थित और मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच स्थापित व्यक्तिगत संवाद द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊँचाई देने में अहम भूमिका निभा रहा है। एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत-रूस साझेदारी की सीधी निगरानी स्वयं दोनों नेता कर रहे हैं।
व्यापार संबंधों पर बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि पिछले वर्ष द्विपक्षीय व्यापार में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, जो अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा है। इस वर्ष भी व्यापारिक गतिविधियों के इसी स्तर पर बने रहने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब आपसी व्यापार अधिक व्यवस्थित और स्थिर दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के सामने मौजूद व्यावहारिक चुनौतियों की सूची साझा की है, जिन पर मिलकर काम किया जाएगा। भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता इस दिशा में निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
राष्ट्रीय मुद्राओं में लेन-देन को लेकर भी दोनों देशों में तेजी आई है। राष्ट्रपति पुतिन के अनुसार वर्तमान में लगभग 96 प्रतिशत व्यावसायिक भुगतान भारतीय रुपये और रूसी रूबल में किए जा रहे हैं, जिससे डॉलर पर निर्भरता लगातार घट रही है।
ऊर्जा क्षेत्र पर चर्चा करते हुए पुतिन ने भरोसा दिलाया कि रूस भारत की ऊर्जा सुरक्षा का भरोसेमंद भागीदार बना रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कच्चे तेल, गैस और अन्य ऊर्जा संसाधनों के व्यापार को और व्यापक रूप देने पर दोनों देश मिलकर कार्य करेंगे।
प्रेस वार्ता के अंत में दोनों नेताओं ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत-रूस की मजबूत साझेदारी आने वाले वर्षों में और गहराई प्राप्त करेगी तथा वैश्विक मंच पर दोनों देशों की भूमिका को अधिक प्रभावशाली बनाएगी।


