प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद परिसर में पश्चिम बंगाल से भाजपा के लोकसभा सांसदों के साथ अहम बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा करते हुए स्पष्ट संवाद और जनसंपर्क को मज़बूत करने पर बल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ज़मीनी स्तर पर जो घटनाक्रम हो रहे हैं, उनकी प्रभावी ढंग से जानकारी जनता तक पहुँचाई जानी चाहिए और पार्टी को हर मुद्दे पर मजबूती से अपनी आवाज़ उठानी चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सांसदों को 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुतियाँ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी राजनीतिक रणनीति और संगठनात्मक सक्रियता के लिए पूरी तत्परता सुनिश्चित करने को कहा।
पीएम मोदी ने विशेष रूप से एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर यह संदेश दिया कि इसे अनावश्यक रूप से जटिल न बनाया जाए। उन्होंने इस अभियान को सरल, पारदर्शी और प्रभावी रखने पर ज़ोर देते हुए बताया कि इसका मकसद केवल योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना और अयोग्य नामों को हटाना है। यह संदेश जमीनी कार्यकर्ताओं तक स्पष्ट रूप से पहुँचाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सांसदों से आग्रह किया कि पार्टी की संगठनात्मक ताकत और पिछले वर्षों में बनाई गई राजनीतिक गति को बनाए रखा जाए। साथ ही, सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले जैसी घटनाओं को जनहित के मुद्दे के रूप में सामने लाकर तृणमूल कांग्रेस से जुड़ी हिंसा को उजागर करने को भी कहा।
गौरतलब है कि एक दिन पहले, 3 दिसंबर को, प्रधानमंत्री ने संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में असम के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ भी बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने सांसदों की संसदीय भागीदारी पर चर्चा की और जनता के बीच सक्रिय उपस्थिति बढ़ाने की सलाह दी। पीएम मोदी ने जनसम्पर्क के लिए खेल आयोजनों और सोशल मीडिया अभियानों को प्रभावी माध्यम बताया।
बता दें कि वर्ष 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें सबसे पहले चुनाव असम में कराए जाएंगे। विधानसभा सीटों की संख्या क्रमशः असम में 126, केरल में 140, तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294 और पुडुचेरी में 30 है।


