25.6 C
Agra
Homeदेशपरमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 अंतिम तैयारी में, एसएमआर पर सरकार का बड़ा...

परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 अंतिम तैयारी में, एसएमआर पर सरकार का बड़ा फोकस

भारत के परमाणु भविष्य की नई रूपरेखा, 2025 विधेयक अंतिम मोड़ पर

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को जानकारी दी कि परमाणु ऊर्जा विधेयक–2025 का मसौदा तैयार होने के लगभग अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि इसे विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त सुझावों के साथ अंतिम रूप दिया जा रहा है और कानून से जुड़े पहलुओं की समीक्षा फिलहाल विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा की जा रही है।

एएनआई से बातचीत में मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं को शामिल करते हुए जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं ताकि कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजने से पहले सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह संतोषजनक हों।

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने देश में लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के विकास और “विकसित भारत परमाणु मिशन” की प्रगति पर सवाल उठाया था। इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग और रूस की कंपनी ‘रोसाटॉम’ के बीच बैठक हो चुकी है, जिसमें बड़े और छोटे परमाणु संयंत्रों की स्थापना, परियोजना विकास तथा परमाणु ईंधन चक्र में सहयोग पर चर्चा हुई।

मंत्री के अनुसार, बातचीत में भारत में उपकरणों के स्थानीय निर्माण पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही, सहयोग के नए क्षेत्रों में देश में रूसी डिज़ाइन पर आधारित लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों के निर्माण की संभावनाएं भी शामिल हैं।

सरकार ने वित्त वर्ष 2025–26 के बजट में एसएमआर की डिज़ाइनिंग, विकास और स्थापना के लिए ₹20,000 करोड़ का प्रावधान किया है। उद्देश्य है कि 2033 तक स्वदेशी तकनीक से विकसित रिएक्टर चालू किए जाएं।

परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 200 मेगावाट क्षमता वाले भारत एसएमआर के अनुसंधान एवं विकास हेतु वित्तीय सहायता आवंटित कर दी गई है, जो इस समय प्रशासनिक तथा वित्तीय स्वीकृति की अंतिम प्रक्रिया में है। मंत्री ने बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) पहले ही तीन प्रकार के एसएमआर के डिज़ाइन और विकास पर कार्य शुरू कर चुका है, जिनमें शामिल हैं:

  • 200 मेगावाट भारत एसएमआर (BSMR-200)
  • 55 मेगावाट एसएमआर (SMR-55)
  • हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 5 मेगावाट का उच्च तापमान गैस-कूल्ड रिएक्टर

सरकार का मानना है कि ये पहल न केवल देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेंगी, बल्कि भारत को परमाणु तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मज़बूत पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाएंगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments