
आगरा में नहरों की सिल्ट सफाई को लेकर उठे विवाद ने अब सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह को और मुश्किल में डाल दिया है। आरोप है कि उन्होंने नहरों की वास्तविक सफाई किए बिना ही उनमें पानी छोड़कर अनियमितताओं पर पर्दा डालने की कोशिश की। इस मामले को गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी अरविंद बंगारी ने मंडलायुक्त और सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।
लोअर सिंचाई खंड, आगरा के अंतर्गत लगभग 500 किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली फैली हुई है, जिसमें 70 से अधिक छोटी-बड़ी नहरें शामिल हैं। इन पर निर्भर करीब एक लाख किसान रबी 2025-26 की फसल के लिए सिंचाई करते हैं। सिल्ट सफाई के लिए शासन से करीब तीन करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ था, लेकिन शिकायतों के अनुसार कई नहरों में तीन से चार फीट पानी भरा रहने के बावजूद केवल सतही सफाई दिखाकर कार्य पूरा दिखा दिया गया। पटरियों से घास हटाने को ही सफाई मान लिया गया, जबकि वास्तविक सिल्ट हटाने का काम नहीं किया गया।
शिकायत यह भी है कि नहरबंदी के दौरान सफाई शुरू ही नहीं की गई और जैसे ही नहरों में पानी छोड़ा गया, उसके बाद जल्दबाजी में खानापूर्ति कर कार्य पूर्ण दिखा दिया गया, ताकि गड़बड़ियों की जांच न हो सके।
लगातार बढ़ती शिकायतों और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में मिली अनियमितताओं के बाद उन्होंने भी मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसी आधार पर DM ने मंडलायुक्त से जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।


