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“नयागढ़ मामला: बंगाली व्यापारियों को निकाले जाने का आरोप, महुआ मोइत्रा और ओडिशा पुलिस आमने-सामने”

“सच क्या है नयागढ़ का मामला? महुआ के आरोप पर पुलिस का इंकार”

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ओडिशा के नयागढ़ जिले में चार बंगाली-भाषी मुस्लिम व्यापारियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने इन लोगों को ज़बरदस्ती जिले से बाहर कर दिया, जबकि उनके पास आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज मौजूद थे, जो उनके भारतीय नागरिक होने की पुष्टि करते हैं। महुआ ने वीडियो संदेश जारी कर पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी और कहा कि इस कथित गैर-कानूनी कार्रवाई की कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी। उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की बात भी कही।

पुलिस का इनकार

वहीं, ओडिशा पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। नयागढ़ की पुलिस अधीक्षक एस सुश्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को जिला छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया है और न ही कोई समयसीमा तय की गई। उन्होंने साफ किया कि पुलिस केवल संदिग्ध पहचान वाले लोगों का नियमित सत्यापन कर रही है। एसपी का कहना है कि जिन लोगों के नयागढ़ छोड़कर जाने की बात सामने आ रही है, उन्होंने ऐसा अपनी मर्जी से किया है। उनके अनुसार, उस समूह के कुछ अन्य सदस्य अभी भी जिले में रहकर जांच में सहयोग कर रहे हैं।

भाजपा का पलटवार

महुआ मोइत्रा के बयानों पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। पार्टी ने कहा कि बिना पुष्टि के ऐसे आरोप लगाकर सांसद दो राज्यों के बीच सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही हैं। भाजपा की ओडिशा इकाई के प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने दावा किया कि राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और महुआ का रवैया संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस हमेशा अवैध घुसपैठियों का समर्थन करती रही है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।

विधानसभा में भी उठा मुद्दा

बुधवार को ओडिशा विधानसभा में भी यह मामला गूंजा। भाजपा के विधायक सनातन बिजुली ने शून्यकाल के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकालने की मांग करते हुए उन्हें अपराध और सामाजिक अशांति से जोड़ दिया। वहीं विधायक संतोष खटुआ ने महुआ मोइत्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि घुसपैठियों के पक्ष में बोलना एक जनप्रतिनिधि के लिए उचित नहीं है।

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