मथुरा पुलिस लाइन में मंगलवार को माहौल अचानक गर्म हो गया, जब एसएसपी ने फरह थाना क्षेत्र की महुअन टोल चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक अनिरुद्ध कुमार और सतीश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आठ वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के मामले में न केवल लापरवाही बरती, बल्कि आरोपित को बचाने की कोशिश भी की।

सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद चौकी इंचार्ज अनिरुद्ध कुमार ने आरोपित योगेश के खिलाफ केवल अवैध तमंचा बरामदगी का मामूली सा मामला दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान ली। लेकिन मासूम के पिता ने हार नहीं मानी। 8 नवंबर को उन्होंने सीधे एसएसपी से मिलकर पूरी वारदात बताई और न्याय की गुहार लगाई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने जांच का जिम्मा सीओ साइबर क्राइम गुंजन सिंह को सौंपा। जांच में खामियाँ उजागर होते ही पुलिस ने 10 नवंबर को पीड़ित पक्ष से दोबारा तहरीर लेकर योगेश पर पॉक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। इसके बाद पुलिस की टीम ने मंगलवार को आरोपी को वृंदावन स्थित रॉयल भारती होटल के पास एक किराए के कमरे से गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन तब तक फरह पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ चुके थे, और दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मामले में लापरवाही ने विभाग की साख पर भी दाग लगा दिया। इसी के चलते एसएसपी ने सख्त कदम उठाते हुए दोनों उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया। अब जांच की जाँच की आंच प्रभारी निरीक्षक फरह समेत अन्य पुलिसकर्मियों तक पहुँचने की भी संभावना है।


