अगर आप भी सोशल मीडिया या ऐप्स पर “सिर्फ ₹10 में गोल्ड खरीदें” जैसे ऑफर देखकर डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो ज़रा संभल जाइए। मार्केट रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि डिजिटल या ई-गोल्ड पूरी तरह अनरेगुलेटेड यानी बिना किसी नियामक के नियंत्रण के चलने वाला प्रोडक्ट है, जिसमें पैसा लगाना जोखिम भरा हो सकता है।

SEBI ने क्या कहा?
SEBI ने शनिवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि उसे जानकारी मिली है कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आकर्षक ऑफर देकर निवेशकों को डिजिटल गोल्ड खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर दावा किया जाता है कि आप ₹10 या ₹100 से भी सोने में निवेश शुरू कर सकते हैं।
लेकिन SEBI ने साफ किया कि ऐसे प्रोडक्ट्स न तो उसके नियमन के दायरे में आते हैं और न ही इन्हें सिक्योरिटी या कमोडिटी डेरिवेटिव्स के तौर पर अधिसूचित किया गया है।
निवेशकों के लिए खतरा क्या है?
रेगुलेटर ने कहा कि ये डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म्स उसकी निगरानी में नहीं आते, इसलिए निवेशकों को काउंटर पार्टी रिस्क (कंपनी डिफॉल्ट करने का खतरा) और ऑपरेशनल रिस्क (सिस्टम या प्लेटफॉर्म के फेल होने का खतरा) झेलना पड़ सकता है। यानी अगर प्लेटफॉर्म बंद हो जाए या कंपनी दिवालिया हो जाए, तो आपका पैसा फंस सकता है और आपको कोई निवेश सुरक्षा नहीं मिलेगी।
कौन-कौन सी कंपनियां दे रही हैं डिजिटल गोल्ड की सुविधा?
फिलहाल कई जानी-मानी कंपनियां जैसे Tanishq, MMTC-PAMP, PhonePe, Aditya Birla Capital, Caratlane और Jos Alukkas डिजिटल गोल्ड खरीदने का विकल्प दे रही हैं। उदाहरण के तौर पर, Tanishq अपनी वेबसाइट पर इसे “सुरक्षित और पारदर्शी तरीका” बताता है, वहीं MMTC-PAMP खुद को इस क्षेत्र का मार्केट लीडर कहता है।हालांकि, SEBI ने दो टूक कहा है कि ऐसे निवेश SEBI की निवेशक सुरक्षा योजना (Investor Protection Scheme) के दायरे में नहीं आते।
SEBI की निवेशकों को सलाह
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो SEBI ने सुझाव दिया है कि रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स जैसे:
Gold ETFs (गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स)
- Electronic Gold Receipts (EGRs)
- Gold Derivatives (एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाले गोल्ड डेरिवेटिव्स) में निवेश करें। ये सभी उत्पाद SEBI द्वारा नियंत्रित हैं और इनमें निवेशक सुरक्षा के प्रावधान मौजूद हैं।


